नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को धमकी देने के मामले में नागपुर पुलिस की एक टीम बेलगाम जेल में दाखिल हो गई है. वहीं इस मामले में जिस युवती का नाम सामने आया है उसका इलाज फिलहाल बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. बताया जा रहा है कि पुलिस उससे पूछताछ करेगी. नागपुर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में मंगलवार सुबह कुछ ही मिनटों के भीतर लगातार तीन बार धमकी भरे फोन आए.
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. नागपुर पुलिस की एक टीम बुधवार को बेलगाम पहुंची. इस मामले में नागपुर पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि चूंकि प्रारंभिक जांच में संदिग्ध युवती की संलिप्तता नहीं दिखती है, इसलिए उसे अभी तक हिरासत में नहीं लिया गया है. मंगलवार सुबह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में रंगदारी की मांग करते हुए तीन धमकी भरे कॉल आने के बाद नागपुर पुलिस एक्शन मोड में आ गई है.
रंगदारी मामले में आरोपियों की तलाश के बाद जांच फिर से बेलगाम जेल पहुंच गई है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर स्थित घर और कार्यालय में मंगलवार को उस वक्त सुरक्षा बढ़ा दी गई जब एक व्यक्ति ने 10 करोड़ रुपये नहीं देने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फोन करने वाले ने खुद को जयेश पुजारी उर्फ जयेश कांत बताया, जिसके नाम का इस्तेमाल जनवरी में मंत्री के कार्यालय में इसी तरह की धमकी भरा फोन करने के लिए किया गया था.
पुलिस उपायुक्त (जोन-दो) राहुल मदाने ने कहा कि नागपुर में ऑरेंज सिटी अस्पताल के सामने स्थित गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में तीन बार फोन किया गया था. इनमें दो बार सुबह और एक बार अपराह्न करीब 12 बजे फोन किया गया था. उन्होंने कहा कि फोन करने वाले व्यक्ति ने 10 करोड़ रुपये की मांग की और पैसे नहीं देने पर केंद्रीय मंत्री को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी.
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उपायुक्त ने कहा कि गडकरी के कर्मचारियों द्वारा सतर्क किए जाने के बाद शहर की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि मंत्री के घर और कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उल्लेखनीय है कि 14 जनवरी को खुद को पुजारी बताने वाले एक व्यक्ति ने गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में फोन कर 100 करोड़ रुपये की मांग की थी. फोन करने वाले ने दावा किया कि वह दाऊद इब्राहिम गिरोह का सदस्य है.