पुणे: भारत में कोरोना जैसे लक्षणों वाले एक नए वायरस से दो लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पूरे देश में डर और चिंता का माहौल बना हुआ है. एच3एन2 इन्फ्लूएंजा नाम का यह वायरस है और देशभर में इसके 90 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अविनाश भोंडवे से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि H3N2 कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि यह वायरस पुराना काफी पुराना है.
भोंडवे ने कहा कि इस वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. भोंडवे ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से यानी फरवरी के अंत से लेकर मार्च की शुरुआत तक बड़ी संख्या में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज सामने आ रहे हैं. यह सामान्य संक्रमण से कुछ अलग होता है. उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार होता था, लेकिन जो खांसी मौजूद थी वह अधिक समय तक चली. इनकी जांच करने पर पता चला कि ये मरीज H3N2 से संक्रमित थे.
उन्होंने कहा कि यह वायरस इन्फ्लूएंजा वायरस का एक रूप है. उन्होंने आगे कहा कि यह वायरस नया नहीं है, बल्कि कई सालों से मौजूद है. उन्होंने बताया कि यह वायरस साल 1968 में सामने आया था. अमेरिका में भी बड़ी संख्या में इस वायरस के मरीज पाए गए. अब भारत में भी यह वायरस मौजूद है, इसका मुख्य कारण यह है कि यह वायरस विदेश से आया है. उन्होंने कहा कि अब हमें बताया गया है कि 90 मरीज सामने आए हैं और 2 लोगों की मौत हुई है.
उन्होंने आगे कहा कि देखा जाए तो मौजूदा समय में घर-घर सर्दी-खांसी के मरीज मिल रहे हैं. साथ ही इस वायरस की कोई जांच भी नहीं की जाती है. बेशक इस वायरस के मरीज बड़ी संख्या में होंगे, लेकिन इससे किसी को डरना नहीं चाहिए. कोरोना काल में जो सावधानियां बरती गईं थीं, वही सावधानियां बरतनी होंगी.
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उन्होंने कहा कि H3N2 वायरस खांसी और सर्दी के सामान्य लक्षणों और यहां तककि हल्के कोविड का कारण भी बनता है. भोंडवे ने बताया कि इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, बदन दर्द, सिर दर्द, ठंड लगना और थकान जैसे लक्षण महसूस होते हैं, इससे किसी को घबराना नहीं चाहिए.