नांदेड़ : महाराष्ट्र के नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मरीजों की मौत के बाद से चर्चा में है. इस घटना के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद हेमंत पाटिल ने अस्पताल का दौरा किया. इस दौरान अस्पताल की गंदगी से नाराज हेमंत पाटिल ने कथित रूप से सीधे अस्पताल के डीन से शौचालय साफ करने को कहा. अब यह प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. एस.आर. वाकोडे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पाटिल के खिलाफ आपराधिक धमकी और मानहानि के आरोप के साथ-साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, और महाराष्ट्र मेडिकेयर सर्विस पर्सन और मेडिकेयर सर्विस इंस्टीट्यूशंस , हिंसा और क्षति या संपत्ति को नुकसान (रोकथाम) अधिनियम के तहत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
एफआईआर में कहा गया है कि डॉ. वाकोडे से शौचालय साफ कराते समय पाटिल और उनके सहयोगियों ने कथित तौर पर इस कृत्य का वीडियो शूट किया. बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें सांसद डीन को टॉयलेट साफ करने का निर्देश देते नजर आए. वीडियो में पाटिल कहते हुए नजर आ रहे हैं कि आपके शौचालय में एक साधारण मग नहीं हैं. आप उन लोगों पर चिल्लाते हैं जो शौचालय का उपयोग करते हैं. क्या आपके डॉक्टर और डीन अपने घर में भी ऐसे ही रहते हैं.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद जिले और पूरे प्रदेश में डॉक्टरों ने आक्रोश व्यक्ति किया. डॉक्टरों और सविल सोसायटी के संगठनों ने इस घटना की निंदा की. इन लोगों ने तुरंत ही सांसद से इस्तीफे की मांग की. आखिरकार देर रात नांदेड़ के ग्रामीण थाने में सांसद हेमंत पटल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
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मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के साथ सांसद हेमंत पाटिल के दुर्व्यवहार को लेकर सेंट्रल मार्ड आक्रामक हो गया है. संगठन ने सांसद हेंमत पाटिल को चेतावनी दी है कि डॉक्टरों को इस घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा वे पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन करेंगे. सेंट्रल मार्ड ने कहा है कि इस घटना से न सिर्फ अधिकारी मानसिक रूप से टूट गये हैं, बल्कि यह पूरे डॉक्टर समुदाय का अपमान है. मार्ड ने हेमंत पाटिल के माफी नहीं मांगने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है. उन्होंने कहा कि आंदोलन की स्थिति में मरीजों को होने वाली परेशानी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी.