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महाराष्ट्र : 5 महीने में 1078 किसानों ने की आत्महत्या

महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के मामले सुर्खियां बटोरते रहे हैं. एक बार फिर किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा डराने वाला है. महाराष्ट्र में सिर्फ 5 महीने में 1078 किसानों ने आत्महत्या की है.

farmer suicide
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Published : Dec 24, 2021, 7:59 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में 5 महीने में 1078 किसानों ने आत्महत्या (1078 farmers committed suicide in maharashtra) कर ली. महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने शुक्रवार को ये जानकारी विधानसभा में दी. मंत्री के मुताबिक महाराष्ट्र में केवल पांच महीनों में जून-अक्टूबर 2021 में किसानों द्वारा आत्महत्या के 1,078 मामले दर्ज (farmers committed suicides in five months) किए गए हैं.

महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra assembly) में प्रश्नकाल के दौरान जवाब देते हुए विजय वडेट्टीवार ने कहा कि इनमें से 491 मामलों को संबंधित जिला स्तरीय समितियों द्वारा राज्य सरकार की महात्मा ज्योतिराव फुले ऋण माफी योजना के तहत पात्र घोषित किया गया और लाभ प्रदान किया गया है.

कारणों का हवाला देते हुए, वडेट्टीवार ने कहा कि किसानों की आत्महत्याओं की वजह उच्च ऋण चुकाने में असमर्थता, प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई क्षति, मिट्टी की उर्वरता और व्यक्तिगत / पारिवारिक कारण बताए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए गंभीर है और वर्तमान में मृतक किसानों के परिजनों को 1,00,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.

ये भी पढ़ें : मिट्टी के भाव बिक रही मूली... किसानों को फिर हुआ नुकसान

वडेट्टीवार ने कहा, "हालांकि, मेरे ख्याल से किसान आत्महत्याओं को 'आपदा' के रूप में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि मृतक किसानों के उत्तराधिकारियों को 4,00,000 रुपये की सहायता दी जा सके. मैं इस प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष लाऊंगा"

उन्होंने कहा कि राज्य कैबिनेट ने उन्हें और कृषि मंत्री दादाजी भूसे को तेलंगाना के 'रायथु बंधु कार्यक्रम' का अध्ययन करने के लिए कहा है, जिसमें खरीफ और रबी सीजन में प्रत्येक किसान के लिए 5,000 रुपये एकड़ के अनुदान के माध्यम से कृषि और बागवानी फसलों के लिए निवेश सहायता का प्रस्ताव है.

इसका उपयोग किसानों द्वारा उनके कल्याण के लिए विशेष फसल के मौसम के लिए चुने गए खेत में बीज, उर्वरक, कीटनाशक, श्रम और अन्य निवेश जैसे कृषि से जुड़ी जरूरी चीजों के लिए किया जा सकता है.

(आईएएनएस)

मुंबई : महाराष्ट्र में 5 महीने में 1078 किसानों ने आत्महत्या (1078 farmers committed suicide in maharashtra) कर ली. महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने शुक्रवार को ये जानकारी विधानसभा में दी. मंत्री के मुताबिक महाराष्ट्र में केवल पांच महीनों में जून-अक्टूबर 2021 में किसानों द्वारा आत्महत्या के 1,078 मामले दर्ज (farmers committed suicides in five months) किए गए हैं.

महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra assembly) में प्रश्नकाल के दौरान जवाब देते हुए विजय वडेट्टीवार ने कहा कि इनमें से 491 मामलों को संबंधित जिला स्तरीय समितियों द्वारा राज्य सरकार की महात्मा ज्योतिराव फुले ऋण माफी योजना के तहत पात्र घोषित किया गया और लाभ प्रदान किया गया है.

कारणों का हवाला देते हुए, वडेट्टीवार ने कहा कि किसानों की आत्महत्याओं की वजह उच्च ऋण चुकाने में असमर्थता, प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई क्षति, मिट्टी की उर्वरता और व्यक्तिगत / पारिवारिक कारण बताए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए गंभीर है और वर्तमान में मृतक किसानों के परिजनों को 1,00,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.

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वडेट्टीवार ने कहा, "हालांकि, मेरे ख्याल से किसान आत्महत्याओं को 'आपदा' के रूप में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि मृतक किसानों के उत्तराधिकारियों को 4,00,000 रुपये की सहायता दी जा सके. मैं इस प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष लाऊंगा"

उन्होंने कहा कि राज्य कैबिनेट ने उन्हें और कृषि मंत्री दादाजी भूसे को तेलंगाना के 'रायथु बंधु कार्यक्रम' का अध्ययन करने के लिए कहा है, जिसमें खरीफ और रबी सीजन में प्रत्येक किसान के लिए 5,000 रुपये एकड़ के अनुदान के माध्यम से कृषि और बागवानी फसलों के लिए निवेश सहायता का प्रस्ताव है.

इसका उपयोग किसानों द्वारा उनके कल्याण के लिए विशेष फसल के मौसम के लिए चुने गए खेत में बीज, उर्वरक, कीटनाशक, श्रम और अन्य निवेश जैसे कृषि से जुड़ी जरूरी चीजों के लिए किया जा सकता है.

(आईएएनएस)

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