मुंबई: महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने शुक्रवार से शुरू हो रहे गणेशोत्सव के लिए नियमों की घोषणा की है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी से साधारण तरीके से गणेश उत्सव मनाने की अपील की है.
सीएम उद्धव ठाकरे के आदेश पर राज्य के गृह विभाग ने दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. मंत्रालय ने कहा कि गणेशोत्सव मंडलों को नीति के अनुसार नगर निगम और स्थानीय प्रशासन से पहले अनुमति लेनी होगी.
बता दें, सीएम ने कहा कि करोना काल को देखते हुए इस साल भी गणेशोत्सव को साधारण तरीके से मनाए जाने की उम्मीद की जा रही है, इसलिए घर के साथ-साथ सार्वजनिक रूप से भी गणेश को सजाने में सरलता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक मंडलों के लिए विघ्नहर्ता भगवान गणेश की मूर्ति की ऊंचाई 4 फीट और व्यक्तिगत और गृह गणपति के लिए 2 फीट होनी चाहिए. इस वर्ष घर में पारंपरिक गणेश प्रतिमा के स्थान पर धातु या संगमरमर पर मूर्ति की पूजा करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से भगवान गणेश की मूर्तियां इको फ्रेंडली हो तो अच्छा रहेगा क्योंकि इन्हें विसर्जित करने में कोई परेशानी नहीं होगी. ठाकरे ने कहा कि हो सके तो इन मूर्तियों को अपने घर में ही विसर्जित करें. वहीं, यदि ऐसा संभव न हो तो घर के पास के कृत्रिम विसर्जन स्थल पर बनाकर विसर्जित करना चाहिए.
बता दें, मुंबई में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, जो चिंता का विषय है. इस वजह से यह ध्यान देना जरूरी है कि सार्वजनिक स्थल पर अनावश्यक भीड़ न लगे. इसके साथ-साथ कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन करना आवश्यक है. सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. कहा गया है कि सभी लोगों को आरती, भजन, कीर्तन या अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने में सावधानी बरतनी चाहिए. सभी आयोजक मंडलों को ध्वनि प्रदूषण से संबंधित नियमों और प्रावधानों का कड़ाई से पालन करना होगा.
वहीं, श्रीगणेश के दर्शन की सुविधा केबल नेटवर्क, वेबसाइट और फेसबुक आदि के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के आदेश दिए गए हैं. विसर्जव करने के लिए किसी भी तरह का जूलूस नहीं निकालना होगा.
जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि विसर्जन स्थान पर की जाने वाली आरती घर पर ही करें. इससे विसर्जन वाले स्थान पर भीड़ नहीं लगेगी. वहीं, इस दौरान बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को विसर्जन स्थल पर जाने से बचना चाहिए. विभिन्न नगर निगमों, हाउसिंग सोसायटियों, जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों आदि की मदद से गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए कृत्रिम झीलों का निर्माण किया जाना चाहिए.