मुंबई : मुंबई में 10 दिवसीय गणेश उत्सव के समापन पर गुरुवार को विभिन्न गणेश मंडलों द्वारा ढोल-नगाड़ों और ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारों के साथ विघ्नहर्ता की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए जुलूस निकाले जा रहे हैं. बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि दोपहर चार बजे तक कुल 2,452 प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा चुका है, जिनमें घरों में स्थापित की गईं 2,311, सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित की गईं 116 और 25 देवी गौरी की प्रतिमाएं शामिल हैं. उन्होंने बताया कि 2,452 प्रतिमाओं में से 919 को विसर्जन नगर निकाय द्वारा स्थापित कृत्रिम तालाबों में किया गया.
गणपति के जयकारे के साथ विसर्जन : भगवान गणेश की विभिन्न रूपों और आकारों की सुसज्जित प्रतिमाओं को प्रार्थना, अगले बरस फिर से आने के अनुरोध, संगीत और नृत्य के साथ विसर्जन के लिए पंडालों से बाहर निकाला गया. अपने प्रिय देवता की एक झलक पाने के लिए सुबह से ही शहर के विभिन्न स्थानों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. ‘गणेश चतुर्थी’ के साथ 19 सितंबर को शुरू हुआ यह उत्सव बृहस्पतिवार को ‘अनंत चतुर्दशी’ पर अरब सागर और यहां के अन्य जलाशयों में गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ समाप्त होगा. इस उत्सव को भव्यता के साथ मनाने के लिए मशहूर मुंबई के लालबाग इलाके में तेजुकाया और गणेश गली मंडलों की विसर्जन यात्रा ‘गणपति बप्पा मोरया, पुढच्या वर्षी लवकर या’ (अगले वर्ष जल्दी आना भगवान) के जयकारों के साथ शुरू हुई.
लालबागचा राजा की प्रतिमा बनी आकर्षण का केंद्र : प्रसिद्ध लालबागचा राजा की प्रतिमा के विसर्जन का जुलूस आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा. उत्सव के दौरान भगवान गणेश के दर्शन के लिए सबसे अधिक भीड़ यहीं देखी गई. यहां विसर्जन यात्रा 11 बजकर करीब 30 मिनट बजे शुरू हुआ और बप्पा के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त सड़कों के दोनों ओर प्रतीक्षा करते दिखे. गणेश प्रतिमाओं पर 'पुष्पवृष्टि' देखने के लिए लालबाग की श्रॉफ इमारत में भी काफी संख्या में श्रद्धालु जुटे रहे. दक्षिण मुंबई में गिरगांव की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर भी भीड़ उमड़ी. इसी मार्ग से सबसे ज्यादा विसर्जन जुलूस गुजरते हैं, जिनमें फोर्ट, गिरगांव, मझगांव, भायखला, दादर, माटुंगा, सायन, चेंबूर और अन्य क्षेत्रों की गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए ले जाई जाती हैं. बीएमसी के अनुसार, त्योहार के सातवें दिन तक 1,65,964 प्रतिमाएं कृत्रिम तालाबों और विभिन्न जलाशयों में विसर्जित की गईं. इनमें घरों तथा सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित की गई प्रतिमाएं और देवी गौरी की प्रतिमाएं शामिल हैं.
गणपति बप्पा को मुंबईकर भक्ति और हर्षोल्लास के माहौल में दे रहे विदाई : लगभग पूरा मुंबई शहर अपने प्यारे बप्पा को विदाई देने के लिए गिरगांव चौपाटी पर इकट्ठा हुआ है. यहां इकट्ठा हुए सभी लोग 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस जल्दी आना', 'छत्रपति शिवाजी महाराज की जय' के नारे लगा रहे थे. पारंपरिक पोशाक पहने भक्त अपनी आंखों में बप्पा की आखिरी झलक पाने के लिए रंग में रंगे हुए थे. इसी भीड़ में मोहम्मद राशिद ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. दिलचस्प बात ये थी कि मोहम्मद राशिद नारा लगा रहे थे और उनके पीछे बाकी लोग मोरया...जय...के नारे लगा रहे थे. इस पर जब मोहम्मद रशीद से उनकी प्रतिक्रिया पूछी, उनका कहना था कि यह मेरे गृह क्षेत्र के गणेश हैं. मैं इसी सुतारवाड़ी में बड़ा हुआ हूं. मैं अपने बप्पा के आगमन से लेकर उनके विसर्जन के समय तक उनके साथ हूं. सभी कार्यकर्ता इस मंडली में मेरे भाई-बहन हैं. मैं गणेश के 10 दिनों के लिए यहां हूं. वह अपने भाई-बहनों के साथ अपने पिता की सेवा में हैं.
गुहागर में गणेश जुलूस में एक टेम्पो घुसने से दो लोगों की और नासिक में विसर्जन के दौरान नदी में डूबने से दो लोगों की मौत : गुहागर में गणेश जुलूस में एक टेम्पो घुसने से दो लोगों की मौत हो गई. नासिक में विसर्जन के दौरान नदी में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई. जबकि आकाशीय बिजली गिरने से एक की मौत हो गई. जहां हर तरफ गणेश विसर्जन की खूब धूम थी, वहीं गुहागर में गणेश विसर्जन फीका पड़ गया. पचेरी आगर में गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान आए एक टेंपो का ब्रेक फेल हो गया. इससे टेंपो विसर्जन जुलूस में घुस जाने से 5 लोग घायल हो गए. वहीं हादसे में ड्राइवर समेत एक व्यक्ति की मौत हो गई. स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. दूसरी तरफ नासिक शहर में गणपति विसर्जन के दौरान पांच लोग नदी में डूब गए. इसमें कॉलेज के दो युवक भी शामिल हैं. बताया जाता है प्रसाद सुनील दराडे, उनके दोस्त रोहित वैद्यनाथ नागरगोजे, सिनर फाटा चेहाडी शिव की एक इमारत में एक सार्वजनिक मंडल के गणपति विसर्जन के लिए चेहाडी के संगमेशर गए थे. इसी दौरान प्रसाद दराडे पानी के पास गये और उनका पैर फिसल गया और पानी में गिर गए. तैरना नहीं आने की वजह से वह डूबने लगा. उसे बचाने के लिए पड़ोसी रोहित नागरगोजे पानी में कूद गया. लेकिन पानी का बहाव तेज होने के कारण दो लोग डूब गए.
पुणे में दगडूशेठ गणपति बप्पा का विसर्जन जुलूस परंपरागत रूप से निकाला गया : पुणे श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट सुवर्णयुग तरूण मंडल की ओर से ट्रस्ट के 131वें वर्ष आयोजित गणेशोत्सव की समापन शोभा यात्रा अनंत चतुर्दशी को भारी बारिश के बीच शुरू हुई. इस अवसर पर दगडूशेठ हलवाई गणपति मंडल द्वारा स्थापित गणरायों को भक्तों ने गणेश जी के जयकारे लगाते हुए विदाई दी. इस वर्ष दगडूशेठ के भगवान गणपति बप्पा को श्री गणाधीश रथ में विराजमान किया गया है और इस रथ को आकर्षक रोशनी से सजाया गया है. पिछले कई वर्षों से दगडूशेठ गणपति बप्पा का विसर्जन जुलूस परंपरागत रूप से रात में निकाला जाता था. इसलिए भक्तों की भावनाओं को देखते हुए इस साल शाम 4:30 बजे के बीच श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति बप्पा विसर्जन जुलूस निकाला गया.