मुंबई: मनी लॉन्ड्रिंग की मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. अनिल देशमुख अब 15 नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) की कस्टडी में रहेंगे. धन-शोधन निवारण कानून (PMLA) के मामलों से जुड़ी एक अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने 12 नवंबर तक ED की कस्टडी में भेज दिया था. सात नवंबर को अनिल देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के खिलाफ ED ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. याचिका में ED ने अनिल देशमुख की कस्टडी की मांग की थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने अनिल देशमुख को 12 नवंबर तक ईडी की कस्टडी में भेजने का फैसला सुनाया.
बता दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में देशमुख को 12 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद 1 नवंबर की देर रात गिरफ्तार कर लिया था.
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मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित वसूली गिरोह से जुड़ा है. ईडी ने सीबीआई द्वारा 21 अप्रैल को एनसीपी नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद देशमुख और उनके साथियों के विरुद्ध जांच शुरू की थी. सीबीआई ने देशमुख पर भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की थी.
ईडी का आरोप है कि देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और निलंबित पुलिसकर्मी सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न बार और रेस्त्रां से 4.70 करोड़ रुपये से अधिक एकत्रित किए. देशमुख ने पूर्व में इन आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि एजेंसी का पूरा मामला एक दागी पुलिस अधिकारी (वाजे) द्वारा दिए गए दुर्भावनापूर्ण बयानों पर आधारित था.