मुंबई : मानसून सत्र शुरू होने में सिर्फ तीन दिन बचे हैं और मंत्रियों के विभाग आवंटन को लेकर शिंदे और पवार गुटों के बीच खींचतान जारी है. अटकलें हैं कि अजित पवार वित्त मंत्रालय पर अड़े हुए हैं. शिंदे गुट अजित पवार का विरोधी है.
पोर्टफोलियो आवंटन को लेकर भाजपा असमंजस में है जबकि शिंदे समूह पहले से ही मंत्री पद के लिए रस्साकशी में है. हालांकि, इच्छुक दलों को मनाने और मानसून सत्र से पहले विभागों के आवंटन के लिए बैठकें चल रही हैं.
शिंदे-फडणवीस के सत्ता में आते ही बीजेपी और शिंदे गुट के 9 मंत्रियों ने शपथ ली. विधायकों से लगातार दूसरे मंत्रिमंडल के विस्तार का वादा किया गया. जल्द ही शिंदे सरकार का एक साल पूरा हो गया. हालांकि, शिंदे गुट के महत्वाकांक्षी विधायकों को अभी तक कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है.
यहां तक कि जब शिंदे गुट के विधायकों ने दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया, तो एनसीपी के अजित पवार गुट ने शिंदे सरकार का समर्थन किया. इसके बाद अजित पवार समेत 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण के 10 दिन बाद भी अभी तक विभाग का बंटवारा नहीं हो सका है.
विभागों के बंटवारे और कैबिनेट विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की लगातार तीन दिनों से बैठकें चल रही हैं. हालांकि, कोई समाधान न निकलने के कारण यह विवाद 'दिल्ली दरबार' में पहुंच गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप किया.
संभावना थी कि कैबिनेट विस्तार होगा. हालांकि शिंदे गुट के विधायकों के विरोध के आगे मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री पवार और फड़णवीस को झुकना पड़ा. दूसरी ओर, अजित पवार ने आज दोपहर अपने देवगिरी बंगले पर, मुख्यमंत्री शिंदे ने अपने वर्षा आवास पर और उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने सागर बंगले पर बैठक की. दिनभर के राजनीतिक घटनाक्रम के चलते आज विभागों का विस्तार और बंटवारा अब तक नहीं हो सका है.
विधानमंडल का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होगा. एनसीपी मंत्रियों को विभाग आवंटित करने के लिए बैठकें चल रही हैं. अगर उससे पहले विभागों का बंटवारा नहीं हुआ तो सत्र में विपक्ष के हाथ मुद्दा आ जाएगा. इसलिए सरकार कैबिनेट विस्तार की बजाय विभागों के बंटवारे पर फोकस करेगी. कहा जा रहा है कि सत्र के बाद बाकी का विस्तार किया जाएगा.