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महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष बोले, 'गवर्नर का अपमान राष्ट्रपति शासन को करेगा आमंत्रित'

महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भाजपा और महा विकास अघाड़ी आमने-सामने हैं. भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ने कहा है कि इस मुद्दे पर गवर्नर का अपमान किया जा रहा है. यह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा ही जारी रहा, तो राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है. उनकी इस टिप्पणी पर शरद पवार ने प्रतिक्रिया दी है. पढ़ें पूरी खबर.

MH governor Bhagat singh koshyari
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी
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Published : Dec 27, 2021, 7:18 PM IST

मुंबई : भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और विधायक चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को कहा कि जिस तरह से महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के मुद्दे पर राज्यपाल बीएस कोश्यारी का 'अपमान' किया है, वह राज्य में राष्ट्रपति शासन को आमंत्रित कर सकता है.

दक्षिण मुंबई में विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए पाटिल ने आरोप लगाया कि शिवसेना के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार ने नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए नियमों को बदल दिया है. फिलहाल राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है.

इस साल फरवरी से खाली पड़े अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित चुनाव, राजभवन और तीन-दलों की गठबंधन सरकार के बीच विवाद का नया कारण बन सकता है.

एमवीए सरकार के कामकाज पर टिप्पणी करते हुए पुणे से भाजपा विधायक पाटिल ने कहा कि मवीए सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा के नए अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए सबसे पहले नियमों में बदलाव किया. फिर कहा कि उसने राज्यपाल को नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए उनकी मंजूरी के वास्ते दो पत्र भेजे थे. यहां तक कि यह कहना राज्यपाल और संविधान का भी अपमान है. इससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है.

उन्होंने कहा, 'हर कोई स्थानीय शासकीय इकाई के चुनाव के लिए कह रहा है. परीक्षा के पर्चे लीक हो रहे हैं और एमएसआरटीसी के कर्मचारी करीब दो महीने से हड़ताल पर हैं. स्कूलों को फिर से खोले जाने को लेकर किसी प्रकार का समय अब तक कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं है, इस सरकार के अराजक कामकाज पर कोई भी पीएचडी कर सकता है.' हालांकि, एमवीए सरकार में एक प्रमुख सहयोगी राकांपा ने राष्ट्रपति शासन पर पाटिल की टिप्पणियों पर प्रकाश डालने की कोशिश की.

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के पास विधानसभा में स्पष्ट बहुमत है और राज्य के लोग इस तरह के बयानों पर ध्यान नहीं देते हैं. जब पत्रकारों ने सतारा में पाटिल की टिप्पणियों पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी, तो पवार ने कहा कि वह पूर्व मंत्री को 'शुभकामनाएं' देते हैं.

पाटिल पर कटाक्ष करते हुए राकांपा नेता ने कहा कि चूंकि पिछले दो साल से स्थिर सरकार है, इसलिए कुछ लोग नाराज हैं और इस तरह के बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा, 'इस तरह के बयान पहले भी दिए गए थे. हालांकि, राज्य के आम लोग उनका संज्ञान नहीं लेते हैं. मैं इस पर कोई अतिरिक्त टिप्पणी नहीं करना चाहता.'

यह घटनाक्रम उन खबरों के बीच आया है कि राज्यपाल ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने की राज्य सरकार की अर्जी को ठुकरा दिया है.

ये भी पढ़ें : सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे को देखकर नितिश राणे बोले- 'म्याऊं', निलंबन की उठी मांग

मुंबई : भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और विधायक चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को कहा कि जिस तरह से महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के मुद्दे पर राज्यपाल बीएस कोश्यारी का 'अपमान' किया है, वह राज्य में राष्ट्रपति शासन को आमंत्रित कर सकता है.

दक्षिण मुंबई में विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए पाटिल ने आरोप लगाया कि शिवसेना के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार ने नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए नियमों को बदल दिया है. फिलहाल राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है.

इस साल फरवरी से खाली पड़े अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित चुनाव, राजभवन और तीन-दलों की गठबंधन सरकार के बीच विवाद का नया कारण बन सकता है.

एमवीए सरकार के कामकाज पर टिप्पणी करते हुए पुणे से भाजपा विधायक पाटिल ने कहा कि मवीए सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा के नए अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए सबसे पहले नियमों में बदलाव किया. फिर कहा कि उसने राज्यपाल को नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए उनकी मंजूरी के वास्ते दो पत्र भेजे थे. यहां तक कि यह कहना राज्यपाल और संविधान का भी अपमान है. इससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है.

उन्होंने कहा, 'हर कोई स्थानीय शासकीय इकाई के चुनाव के लिए कह रहा है. परीक्षा के पर्चे लीक हो रहे हैं और एमएसआरटीसी के कर्मचारी करीब दो महीने से हड़ताल पर हैं. स्कूलों को फिर से खोले जाने को लेकर किसी प्रकार का समय अब तक कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं है, इस सरकार के अराजक कामकाज पर कोई भी पीएचडी कर सकता है.' हालांकि, एमवीए सरकार में एक प्रमुख सहयोगी राकांपा ने राष्ट्रपति शासन पर पाटिल की टिप्पणियों पर प्रकाश डालने की कोशिश की.

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के पास विधानसभा में स्पष्ट बहुमत है और राज्य के लोग इस तरह के बयानों पर ध्यान नहीं देते हैं. जब पत्रकारों ने सतारा में पाटिल की टिप्पणियों पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी, तो पवार ने कहा कि वह पूर्व मंत्री को 'शुभकामनाएं' देते हैं.

पाटिल पर कटाक्ष करते हुए राकांपा नेता ने कहा कि चूंकि पिछले दो साल से स्थिर सरकार है, इसलिए कुछ लोग नाराज हैं और इस तरह के बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा, 'इस तरह के बयान पहले भी दिए गए थे. हालांकि, राज्य के आम लोग उनका संज्ञान नहीं लेते हैं. मैं इस पर कोई अतिरिक्त टिप्पणी नहीं करना चाहता.'

यह घटनाक्रम उन खबरों के बीच आया है कि राज्यपाल ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने की राज्य सरकार की अर्जी को ठुकरा दिया है.

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