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ट्रांसजेंडर्स के लिए बड़ा फैसला : महाराष्ट्र में पुलिस उप-निरीक्षक का एक पद आरक्षित रखने का निर्देश

महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (MAT) की मुंबई पीठ ने एक बड़े फैसले में राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह पुलिस सब-इंस्पेक्टर (PSI) का एक पद ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित करे (reserve one police sub inspector post for transgenders).

Maharashtra Administrative Tribunal
ट्रांसजेंडर्स के लिए बड़ा फैसला
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Published : Nov 8, 2022, 9:53 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (एमएटी) की मुंबई पीठ ने राज्य सरकार को पुलिस उप-निरीक्षक (पीएसआई) का एक पद ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया है (reserve one police sub inspector post for transgenders). एमएटी की अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर ने सोमवार को पारित अपने आदेश में कहा कि उच्चतम न्यायालय के 2014 के उस फैसले के बाद से यह अनिवार्य है, जिसमें सभी राज्य सरकारों को सभी सार्वजनिक नियुक्तियों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को आरक्षण देने को कहा गया था.

न्यायाधिकरण विनायक काशीद द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) को एक ट्रांसजेंडर उम्मीदवार के रूप में पीएसआई पद के लिए आवेदन देने की अनुमति संबंधी निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

एमएटी के आदेश की प्रति मंगलवार को मुहैया कराई गई. इस साल अगस्त में, न्यायाधिकरण ने महाराष्ट्र सरकार को शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक कार्यालयों में ट्रांसजेंडर के लिए पदों के प्रावधान के संबंध में छह महीने में एक नीति लाने का निर्देश भी दिया था.

राज्य सरकार के वकील ने सोमवार को न्यायाधिकरण को बताया कि वह अभी भी ट्रांसजेंडरों के लिए आरक्षण नीति तैयार करने पर विचार कर रहा है. इस पर खफा होकर ट्रिब्यूनल ने कहा कि सरकार को देश के कानून और शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करना होगा. राज्य सरकार के रुख को स्वीकार करना मुश्किल है कि नीतिगत निर्णय आज तक नहीं लिया गया है.

ट्रिब्यूनल ने कहा, 'हम प्रतिवादी (राज्य सरकार) को इस परीक्षा के लिए पहले और उसके बाद सभी चरणों (नियुक्ति के) के लिए सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में ट्रांसजेंडर के लिए पीएसआई का एक पद आरक्षित रखने का निर्देश देते हैं.'

सोमवार को काशीद के वकील क्रांति एल सी ने न्यायाधिकरण को सूचित किया कि आवेदक 8 अक्टूबर को प्रारंभिक परीक्षा के लिए उपस्थित हुआ और परिणाम घोषित किया जाना बाकी है. काशीद ने आवेदन में जून 2022 में महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) द्वारा जारी एक विज्ञापन में निर्धारित 800 पीएसआई पदों पर भर्ती में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए पदों के आरक्षण की मांग की थी.

आवेदन के अनुसार, काशीद जन्म से पुरुष था और बाद में उसने महिला होने का विकल्प चुना. काशीद ने महिला उम्मीदवार माने जाने की मांग को लेकर पीएसआई पद के लिए आवेदन किया था.

पढ़ें- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी

(इनपुट पीटीआई-भाषा)

मुंबई : महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (एमएटी) की मुंबई पीठ ने राज्य सरकार को पुलिस उप-निरीक्षक (पीएसआई) का एक पद ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया है (reserve one police sub inspector post for transgenders). एमएटी की अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर ने सोमवार को पारित अपने आदेश में कहा कि उच्चतम न्यायालय के 2014 के उस फैसले के बाद से यह अनिवार्य है, जिसमें सभी राज्य सरकारों को सभी सार्वजनिक नियुक्तियों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को आरक्षण देने को कहा गया था.

न्यायाधिकरण विनायक काशीद द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) को एक ट्रांसजेंडर उम्मीदवार के रूप में पीएसआई पद के लिए आवेदन देने की अनुमति संबंधी निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

एमएटी के आदेश की प्रति मंगलवार को मुहैया कराई गई. इस साल अगस्त में, न्यायाधिकरण ने महाराष्ट्र सरकार को शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक कार्यालयों में ट्रांसजेंडर के लिए पदों के प्रावधान के संबंध में छह महीने में एक नीति लाने का निर्देश भी दिया था.

राज्य सरकार के वकील ने सोमवार को न्यायाधिकरण को बताया कि वह अभी भी ट्रांसजेंडरों के लिए आरक्षण नीति तैयार करने पर विचार कर रहा है. इस पर खफा होकर ट्रिब्यूनल ने कहा कि सरकार को देश के कानून और शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करना होगा. राज्य सरकार के रुख को स्वीकार करना मुश्किल है कि नीतिगत निर्णय आज तक नहीं लिया गया है.

ट्रिब्यूनल ने कहा, 'हम प्रतिवादी (राज्य सरकार) को इस परीक्षा के लिए पहले और उसके बाद सभी चरणों (नियुक्ति के) के लिए सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में ट्रांसजेंडर के लिए पीएसआई का एक पद आरक्षित रखने का निर्देश देते हैं.'

सोमवार को काशीद के वकील क्रांति एल सी ने न्यायाधिकरण को सूचित किया कि आवेदक 8 अक्टूबर को प्रारंभिक परीक्षा के लिए उपस्थित हुआ और परिणाम घोषित किया जाना बाकी है. काशीद ने आवेदन में जून 2022 में महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) द्वारा जारी एक विज्ञापन में निर्धारित 800 पीएसआई पदों पर भर्ती में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए पदों के आरक्षण की मांग की थी.

आवेदन के अनुसार, काशीद जन्म से पुरुष था और बाद में उसने महिला होने का विकल्प चुना. काशीद ने महिला उम्मीदवार माने जाने की मांग को लेकर पीएसआई पद के लिए आवेदन किया था.

पढ़ें- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी

(इनपुट पीटीआई-भाषा)

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