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महंत नरेंद्र गिरि को बाघम्बरी मठ में दी गई भू-समाधि

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में नींबू के पेड़ के नीचे भू-समाधि दी गई. इस दौरान बाघम्बरी मठ में बड़ी संख्या में साधु-संत मौजूद थे.

बाघम्बरी मठ
बाघम्बरी मठ
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Published : Sep 22, 2021, 11:54 AM IST

Updated : Sep 22, 2021, 6:24 PM IST

प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) को बुधवार दोपहर को भू-समाधि दी गई. उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार बाघम्बरी मठ में नींबू के पेड़ के नीचे उन्हें समाधि दी गई.

भू-समाधि से पहले जमीन पर नमक की एक परत बिछाई गई. इसके बाद सुगंधित जल, पुष्प आदि का छिड़काव किया गया. नरेंद्र गिरि को समाधि देने के लिए नींबू के पेड़ के पास एक चौकोर सा गहरा गड्ढा खोदा गया था. गड्ढे की एक दीवार को खोदकर एक छोटा सा कमरा बनाया गया था. यहीं पर नरेंद्र गिरि को बैठी हुई अवस्था में समाधि दी गई.

महंत नरेंद्र गिरि को दी गई भू-समाधि

इस प्रक्रिया को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था. समाधि के वक्त चारों ओर चादर से पर्दा कर दिया गया, इसके बाद ही मंत्रोच्चार का सिलसिला शुरू हुआ. इस मौके पर हरिद्वार, अयोध्या और वाराणसी सहित तमाम संतों ने आकर इस समाधि में महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि दी.

समाधि से पहले, महंत नरेंद्र गिरि के शव को त्रिवेणी संगम ले जाया गया. वहां पर विधिवत वैदिक रीति रिवाज के साथ उनका संगम के जल से अभिषेक कराया गया. इसके बाद शव को संगम से हनुमान मंदिर लाया गया, जहां पर आरती और पूजन के बाद बाघम्बरी मठ में ले जाया गया.

महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम यात्रा के वाहन को फूल माला से सजाया गया. इसके बाद शाही अंदाज में उनके पार्थिव शरीर को संगम ले जाया गया. वाहन के आगे आगे बैंड बाजा के साथ मंद-मंद गति से बाघम्बरी गद्दी से दारागंज बोर्ड उसके बाद अलोपीबाग फोर्ट रोड चौराहा त्रिवेणी संगम रोड होते हुए संगम पहुंचा.

महंत नरेंद्र गिरि का अंतिम स्नान

महंत नरेंद्र गिरि का सोमवार को प्रयागराज के बाघमबारी मठ में फांसी के फंदे पर लटका शव मिला था. पुलिस के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की है. रूम से एक सुसाइड नोट बरादम हुआ था, जिसमें उन्होंने नींबू के पेड़ के नीचे ही समाधि देने के लिए अंतिम इच्छा जताई थी.

पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरि का हुआ पोस्टमॉर्टम, रिपोर्ट से होगा खुलासा

बता दें, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद पुलिस ने इस मामले में उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया है. मंगलवार की शाम सुसाइड नोट के सामने आने के बाद अब इस मामले में आरोपियों की संख्या बढ़ने के साथ ही ब्लैकमेल करने और धमकाने की धाराओं को भी बढ़ाया जाना तय है. जॉर्ज टाउन थाने में दर्ज इस मुकदमे की जांच में एसआईटी की टीम भी जुट गई है.

महंत नरेंद्र गिरी का समाधि स्थल
महंत नरेंद्र गिरी का समाधि स्थल

महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि पवन महाराज की तहरीर पर 21 सितंबर की तारीख में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें स्वामी आनंद गिरि पर धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है.

पुलिस ने अब तक इस मामले में आनंद गिरि के साथ ही बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि अभी आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं पाई है.

प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) को बुधवार दोपहर को भू-समाधि दी गई. उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार बाघम्बरी मठ में नींबू के पेड़ के नीचे उन्हें समाधि दी गई.

भू-समाधि से पहले जमीन पर नमक की एक परत बिछाई गई. इसके बाद सुगंधित जल, पुष्प आदि का छिड़काव किया गया. नरेंद्र गिरि को समाधि देने के लिए नींबू के पेड़ के पास एक चौकोर सा गहरा गड्ढा खोदा गया था. गड्ढे की एक दीवार को खोदकर एक छोटा सा कमरा बनाया गया था. यहीं पर नरेंद्र गिरि को बैठी हुई अवस्था में समाधि दी गई.

महंत नरेंद्र गिरि को दी गई भू-समाधि

इस प्रक्रिया को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था. समाधि के वक्त चारों ओर चादर से पर्दा कर दिया गया, इसके बाद ही मंत्रोच्चार का सिलसिला शुरू हुआ. इस मौके पर हरिद्वार, अयोध्या और वाराणसी सहित तमाम संतों ने आकर इस समाधि में महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि दी.

समाधि से पहले, महंत नरेंद्र गिरि के शव को त्रिवेणी संगम ले जाया गया. वहां पर विधिवत वैदिक रीति रिवाज के साथ उनका संगम के जल से अभिषेक कराया गया. इसके बाद शव को संगम से हनुमान मंदिर लाया गया, जहां पर आरती और पूजन के बाद बाघम्बरी मठ में ले जाया गया.

महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम यात्रा के वाहन को फूल माला से सजाया गया. इसके बाद शाही अंदाज में उनके पार्थिव शरीर को संगम ले जाया गया. वाहन के आगे आगे बैंड बाजा के साथ मंद-मंद गति से बाघम्बरी गद्दी से दारागंज बोर्ड उसके बाद अलोपीबाग फोर्ट रोड चौराहा त्रिवेणी संगम रोड होते हुए संगम पहुंचा.

महंत नरेंद्र गिरि का अंतिम स्नान

महंत नरेंद्र गिरि का सोमवार को प्रयागराज के बाघमबारी मठ में फांसी के फंदे पर लटका शव मिला था. पुलिस के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की है. रूम से एक सुसाइड नोट बरादम हुआ था, जिसमें उन्होंने नींबू के पेड़ के नीचे ही समाधि देने के लिए अंतिम इच्छा जताई थी.

पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरि का हुआ पोस्टमॉर्टम, रिपोर्ट से होगा खुलासा

बता दें, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद पुलिस ने इस मामले में उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया है. मंगलवार की शाम सुसाइड नोट के सामने आने के बाद अब इस मामले में आरोपियों की संख्या बढ़ने के साथ ही ब्लैकमेल करने और धमकाने की धाराओं को भी बढ़ाया जाना तय है. जॉर्ज टाउन थाने में दर्ज इस मुकदमे की जांच में एसआईटी की टीम भी जुट गई है.

महंत नरेंद्र गिरी का समाधि स्थल
महंत नरेंद्र गिरी का समाधि स्थल

महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि पवन महाराज की तहरीर पर 21 सितंबर की तारीख में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें स्वामी आनंद गिरि पर धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है.

पुलिस ने अब तक इस मामले में आनंद गिरि के साथ ही बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि अभी आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं पाई है.

Last Updated : Sep 22, 2021, 6:24 PM IST
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