लखनऊ : माफिया अतीक अहमद व अशरफ की हत्या के बाद उनकी फरार पत्नियां शाइस्ता और जैनब को पैसों की जरूरत है. इसके लिए अब वे अतीक की बेनामी संपत्तियों को बेचने को फिराक में थीं. इसकी जिम्मेदारी अधिवक्ता विजय मिश्रा उठा रहा था, लेकिन उनके इस मंसूबे के बीच सीमा हैदर आ गई. यही वजह है कि अब तक अतीक की संपत्ति की डील पक्की नहीं हो सकी थी. यह खुलासा विजय मिश्रा को गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान हुआ है.
शाइस्ता-जैनब के पास खत्म हो चुके थे पैसे
24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और दो सरकारी गनर की हत्या के बाद से ही अतीक गैंग पर हुई कार्रवाई का असर यह है कि माफिया अतीक के फरार परिवार के लोगों को पैसों की किल्लत होने लगी. अतीक और अशरफ की हत्या के बाद से ही पुलिस के डर से फरार शाइस्ता और जैनब न तो पास पैसे बचे हैं और न ही कोई फाइनेंसर. ऐसे में अब पैसों के जुगाड़ के लिए अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उमर और अली को जेल से निकालने, अतीक के साम्राज्य को फिर से खड़ा करने के लिए अतीक की बेनामी संपत्तियों को बेचने के लिए विजय मिश्रा को खरीदार ढूंढने के लिए लगाया गया था. विजय को खरीदार मिल भी गया था, लेकिन उनकी मीटिंग बार बार कैंसल होने से विजय मिश्रा लखनऊ में डेरा डाले हुए था. जिसके चलते वह बीते रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया.
नेपाल का माफिया खरीदना चाहता था अतीक की संपत्ति
सूत्रों के मुताबिक विजय मिश्रा ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया है कि अतीक की प्रयागराज और लखनऊ स्थित बेनामी संपत्ति को बेचने के लिए वह खरीदार ढूंढ रहा था, लेकिन यूपी का कोई भी बिल्डर अतीक की संपत्ति पर हाथ डालने को तैयार नहीं था. ऐसे में नेपाल में रहने वाला यूपी का एक माफिया इन संपत्तियों को खरीदने के लिए तैयार हुआ था. संपत्ति की तस्वीर और वीडियो के साथ जरूरी कागजात विजय मिश्रा ने व्हाट्सएप के जरिए नेपाल के उस माफिया को भेजे थे. जिसके बाद जमीन को डील पक्की हो गई थी. हालांकि खरीदार एक बार आमने सामने बैठ कर विजय मिश्रा और शाइस्ता या जैनब से बात करना चाहता था. इसके लिए लखनऊ में मीटिंग बुलाई गई थी. जिसमें अशरफ की पत्नी जैनब, वकील विजय मिश्रा और नेपाल का खरीदार माफिया शामिल होने वाले थे.
नेपाल बॉर्डर में सख्ती बढ़ने के कारण नहीं आया माफिया
सूत्रों के मुताबिक मीटिंग 26 जुलाई को फिक्स हुई थी. विजय मिश्रा लखनऊ पहुंच चुका था, लेकिन उसे बताया गया कि खरीददार नेपाल से उस दिन नहीं बल्कि दूसरे दिन आएगा. अगले तीन दिनों तक मीटिंग का समय टलता गया. पूछताछ में पता चला कि जब विजय मिश्रा ने नेपाल के माफिया से मीटिंग टालने का कारण पूछा तो जवाब मिला कि पाकिस्तान की सीमा गुलाम हैदर नेपाल के रास्ते भारत चोरी छुपे घुसने के बाद से ही नेपाल की सभी सीमा पर सख्ती बढ़ गई है. लोकल पुलिस और एसएसबी हर आने जाने वाले की कड़ाई से जांच कर रहे हैं. ऐसे में फिलहाल अभी नेपाल से यूपी आने मुश्किल है. ऐसे में विजय मिश्रा पांच दिनों तक लखनऊ में डेरा डाला रहा और बीते रविवार को प्रयागराज पुलिस ने उसे धर दबोचा.