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मदुरै रेल हादसा : नौ लोगों के शव पहुंचे लखनऊ, अपनों की लाश देख परिजनों में मची चीख-पुकार - रेल हादसे के मृतकों के शव लाए गए लखनऊ

तमिलनाडु के मदुरै ट्रेन हादसे (Madurai train accident) में अपनी जान गंवाने वाले नौ लोगों के शव लखनऊ पहुंच गए हैं. अपनों के शव देख लोगों में चीख-पुकार मची रही.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 27, 2023, 7:03 PM IST

Updated : Aug 27, 2023, 8:00 PM IST

मदुरै रेल हादसे के शिकार लोगों के शव लखनऊ पहुंचे.

लखनऊ: तमिलनाडु के मदुरै में ट्रेन हादसे में यूपी के नौ लोगों की जलकर मौत हो गई थी. जबकि आठ लोग घायल हो गए थे. इनके शव अलग-अलग फ्लाइटों से रविवार को लखनऊ लाए गए. अपनों के शव देखकर परिजनों में चीख-पुकार मची रही. आसपास के लोगों की आंखें भी नम हो गईं. एयरपोर्ट पर कई घंटे तक लोगों की सिसकियां गूंजती रहीं. हादसे में किसी ने मां खोया तो किसी ने बेटा. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी परिजनों के दुख में शामिल हुए.

प्रशासन ने किया घर तक जाने का इंतजाम : मृतकों में से पांच के शव को चेन्नई से सीधे लखनऊ लाया गया, जबकि चार अन्य बेंगलुरु के रास्ते लखनऊ लाए गए. लखनऊ की सीधी उड़ान में हादसे के शिकार हो चुके लोगों के 14 रिश्तेदार और चार रेलवे पुलिसकर्मी भी साथ थे. हादसा 26 अगस्त को हुआ था. मदुरै रेलवे यार्ड में खड़ी ट्रेन के डिब्बे में भीषण आग लग गई थी. हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई थी. मृतको में 5 सीतापुर, दो लखनऊ जबकि हरदोई और लखीमपुर खीरी के एक-एक हैं. पहली फ्लाइट से 14 घायलों और 5 शव को लखनऊ लाया गया, दूसरी फ्लाइट से लगभग 28 घायल और 4 शव लाए गए. दोपहर 2.30 बजे और 3.55 बजे वाली फ्लाइट से ये शव लाए गए. प्रशासन ने इन्हें घरों तक पहुंचाने का प्रबंध किया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि इस दुखद घडी में हम पीड़ित परिजनों के साथ हैं. सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जा रहा है. अन्य सरकारी मदद भी मुहैया कराई जाएगी.

डिप्टी सीएम भी परिवार के दुख में शामिल हुए.
डिप्टी सीएम भी परिवार के दुख में शामिल हुए.

दर्शन से पहले चली गई जान : मरने वालों में दो लखनऊ के भी हैं. मनोरमा अग्रवाल (81) और उनकी पोती हिमानी बंसल (22) लखनऊ के चौक निवासी थीं. यह दोनों रामेश्वर मंदिर तीर्थ यात्रा पर गई थीं. दोनों दर्शन नहीं कर पाई. उससे पहले ही दोनों की रेलवे की लापरवाही से जान चली गई. वहीं, अपनी बुजुर्ग मां मनोरमा अग्रवाल और प्यारी बेटी हिमानी के शव देख कर पिता मनोज अग्रवाल की हालात खराब हो गई. वो चीख-चीखकर रोने लगे. मां प्रीति अग्रवाल बेहोश हो गई. वहीं, भाई शिवम भी बहन की लाश देखकर बदहवास हो गया. रिवार में हर तरफ गम का माहौल है.

यह भी पढ़ें: Madurai Train Fire: 22 सालों से बोगी में 'बारूद' लेकर चल रहा था सीतापुर का टूर ऑपरेटर

यह भी पढ़ें: Madurai Train Accident: लखीमपुर खीरी की शांति देवी पति और नाती के साथ गई थीं रामेश्वरम, हादसे की हुईं शिकार

मदुरै रेल हादसे के शिकार लोगों के शव लखनऊ पहुंचे.

लखनऊ: तमिलनाडु के मदुरै में ट्रेन हादसे में यूपी के नौ लोगों की जलकर मौत हो गई थी. जबकि आठ लोग घायल हो गए थे. इनके शव अलग-अलग फ्लाइटों से रविवार को लखनऊ लाए गए. अपनों के शव देखकर परिजनों में चीख-पुकार मची रही. आसपास के लोगों की आंखें भी नम हो गईं. एयरपोर्ट पर कई घंटे तक लोगों की सिसकियां गूंजती रहीं. हादसे में किसी ने मां खोया तो किसी ने बेटा. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी परिजनों के दुख में शामिल हुए.

प्रशासन ने किया घर तक जाने का इंतजाम : मृतकों में से पांच के शव को चेन्नई से सीधे लखनऊ लाया गया, जबकि चार अन्य बेंगलुरु के रास्ते लखनऊ लाए गए. लखनऊ की सीधी उड़ान में हादसे के शिकार हो चुके लोगों के 14 रिश्तेदार और चार रेलवे पुलिसकर्मी भी साथ थे. हादसा 26 अगस्त को हुआ था. मदुरै रेलवे यार्ड में खड़ी ट्रेन के डिब्बे में भीषण आग लग गई थी. हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई थी. मृतको में 5 सीतापुर, दो लखनऊ जबकि हरदोई और लखीमपुर खीरी के एक-एक हैं. पहली फ्लाइट से 14 घायलों और 5 शव को लखनऊ लाया गया, दूसरी फ्लाइट से लगभग 28 घायल और 4 शव लाए गए. दोपहर 2.30 बजे और 3.55 बजे वाली फ्लाइट से ये शव लाए गए. प्रशासन ने इन्हें घरों तक पहुंचाने का प्रबंध किया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि इस दुखद घडी में हम पीड़ित परिजनों के साथ हैं. सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जा रहा है. अन्य सरकारी मदद भी मुहैया कराई जाएगी.

डिप्टी सीएम भी परिवार के दुख में शामिल हुए.
डिप्टी सीएम भी परिवार के दुख में शामिल हुए.

दर्शन से पहले चली गई जान : मरने वालों में दो लखनऊ के भी हैं. मनोरमा अग्रवाल (81) और उनकी पोती हिमानी बंसल (22) लखनऊ के चौक निवासी थीं. यह दोनों रामेश्वर मंदिर तीर्थ यात्रा पर गई थीं. दोनों दर्शन नहीं कर पाई. उससे पहले ही दोनों की रेलवे की लापरवाही से जान चली गई. वहीं, अपनी बुजुर्ग मां मनोरमा अग्रवाल और प्यारी बेटी हिमानी के शव देख कर पिता मनोज अग्रवाल की हालात खराब हो गई. वो चीख-चीखकर रोने लगे. मां प्रीति अग्रवाल बेहोश हो गई. वहीं, भाई शिवम भी बहन की लाश देखकर बदहवास हो गया. रिवार में हर तरफ गम का माहौल है.

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Last Updated : Aug 27, 2023, 8:00 PM IST
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