चेन्नई : मद्रास हाईकोर्ट ने शिक्षकों के टीकाकरण से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जिन शिक्षकों का टीकाकरण नहीं हुआ है वे बच्चों के स्वास्थ को देखते हुए घर पर रह सकते हैं.
मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने की. पीठ ने कहा, तमिलनाडु में शिक्षकों को छात्रों को पढ़ाने के लिए स्कूलों में जाने से पहले टीकाकरण करवाना चाहिए. यदि शिक्षक विद्यालय जाना चाहते हैं तो उन्हें विद्यार्थियों के हित में पहले टीकाकरण करवाना चाहिए, ताकि उन्हें इस भयानक बीमारी से बचाया जा सके. यदि कुछ शिक्षक व्यक्तिगत कारणों से टीकाकरण नहीं कराना चाहते हैं, तो वे स्कूल न जाएं और छात्रों के जीवन को जोखिम में डाले बिना घर पर रह सकते हैं.
दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट में एकेडमिक रिसोर्सेज एडवांसमेंट मूवमेंट ट्रस्ट द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें राज्य सरकार के एक आदेश का विरोध किया गया था. इस आदेश में कहा गया था कि सभी शिक्षकों को स्कूलों जाने से पहले टीकाकरण करवाना चाहिए.
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याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा, राज्य सरकार का आदेश केंद्र के आदेश के खिलाफ है, जिसमें कहा गया था कि टीकाकरण केवल स्वैच्छिक था.