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तमिलनाडु मेडिकल कॉलेज दाखिला : EWS कोटा पर रोक, ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण

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Published : Aug 25, 2021, 2:46 PM IST

Updated : Aug 25, 2021, 4:44 PM IST

मद्रास उच्च न्यायालय ने मेडिकल की पढ़ाई में 10 फीसदी आरक्षण (reservations in medical and dental courses) की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. ओबीसी को 50 फीसदी के बजाए 27 फीसदी आरक्षण मिलेगा.

मेडिकल और डेंटल कोर्स में 10 फीसद आरक्षण
मेडिकल और डेंटल कोर्स में 10 फीसद आरक्षण

चेन्नई : मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों (medical and dental courses) में आर्थिक रूप से गरीब छात्रों (ईडब्लूएस) के लिए 10% आरक्षण को अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

मद्रास हाईकोर्ट में दायर याचिका में चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों (medical and dental courses) में अखिल भारतीय कोटा की कुल सीटों में से 10 फीसद आरक्षण देने की अपील की गई थी.

याचिका में कहा गया था कि पूरे देश में से तमिलनाडु में जितनी मेडिकल सीटें हैं, उनमें 10 फीसद रिजर्वेशन मिलना चाहिए, लेकिन याचिका पर सुनवाई के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने आरक्षण की अनुमति नहीं दी.

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क्या थी याचिका

खाली छोड़ी गई मेडिकल सीटों पर दाखिला लेने के लिए ईडब्लूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई है. कोर्ट ने इस पर ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण को सही ठहराया है. तमिलनाडु सरकार मांग कर रही थी कि इन सीटों पर 50 फीसदी आरक्षण ओबीसी को मिलनी चाहिए.

केंद्र सरकार ने अपनी दलील में कहा था कि अगर इनकी मांग मान ली जाती है, तो पूरे देश में भ्रम की स्थिति हो जाएगी. अलग-अलग राज्यों में इन सीटों के लिए अलग-अलग आरक्षण की व्यवस्था नहीं अपनाई जा सकती है.

कोर्ट ने कहा कि केंद्र की यह दलील सही है. इसलिए ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था 27 फीसदी ही रहेगी.

कोर्ट ने कहा कि जहां तक ईडब्लूएस कोटा का सवाल है, यहां पर इस व्यवस्था को लागू तब तक नहीं किया जा सकता है, जब तक कि इस पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला न सुना दे.

केंद्र सरकार चाहती थी कि ईडब्लूएस के लिए भी 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की जाए.

केंद्र की ओर से कहा गया था कि ओबीसी को 27 और ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का केंद्र सरकार का इस साल 29 जुलाई का आदेश द्रमुक को स्वीकार्य नहीं है, तो वह इसे उच्च न्यायालय में केवल चुनौती दे सकती है, लेकिन यह दावा नहीं कर सकती कि केंद्र सरकार ने अवमानना की है. उन्होंने अदालत से अवमानना का मामला बंद करने का आग्रह किया था. कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया.

चेन्नई : मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों (medical and dental courses) में आर्थिक रूप से गरीब छात्रों (ईडब्लूएस) के लिए 10% आरक्षण को अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

मद्रास हाईकोर्ट में दायर याचिका में चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों (medical and dental courses) में अखिल भारतीय कोटा की कुल सीटों में से 10 फीसद आरक्षण देने की अपील की गई थी.

याचिका में कहा गया था कि पूरे देश में से तमिलनाडु में जितनी मेडिकल सीटें हैं, उनमें 10 फीसद रिजर्वेशन मिलना चाहिए, लेकिन याचिका पर सुनवाई के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने आरक्षण की अनुमति नहीं दी.

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क्या थी याचिका

खाली छोड़ी गई मेडिकल सीटों पर दाखिला लेने के लिए ईडब्लूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई है. कोर्ट ने इस पर ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण को सही ठहराया है. तमिलनाडु सरकार मांग कर रही थी कि इन सीटों पर 50 फीसदी आरक्षण ओबीसी को मिलनी चाहिए.

केंद्र सरकार ने अपनी दलील में कहा था कि अगर इनकी मांग मान ली जाती है, तो पूरे देश में भ्रम की स्थिति हो जाएगी. अलग-अलग राज्यों में इन सीटों के लिए अलग-अलग आरक्षण की व्यवस्था नहीं अपनाई जा सकती है.

कोर्ट ने कहा कि केंद्र की यह दलील सही है. इसलिए ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था 27 फीसदी ही रहेगी.

कोर्ट ने कहा कि जहां तक ईडब्लूएस कोटा का सवाल है, यहां पर इस व्यवस्था को लागू तब तक नहीं किया जा सकता है, जब तक कि इस पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला न सुना दे.

केंद्र सरकार चाहती थी कि ईडब्लूएस के लिए भी 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की जाए.

केंद्र की ओर से कहा गया था कि ओबीसी को 27 और ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का केंद्र सरकार का इस साल 29 जुलाई का आदेश द्रमुक को स्वीकार्य नहीं है, तो वह इसे उच्च न्यायालय में केवल चुनौती दे सकती है, लेकिन यह दावा नहीं कर सकती कि केंद्र सरकार ने अवमानना की है. उन्होंने अदालत से अवमानना का मामला बंद करने का आग्रह किया था. कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया.

Last Updated : Aug 25, 2021, 4:44 PM IST
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