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मध्य प्रदेश : सड़कों पर मिले आपके पशु तो भरना पड़ेगा हजारों का जुर्माना, आ रहा है नया कानून

मध्य प्रदेश में अब से शहर की सड़कों पर घूमने वाले पालतू मवेशियों के पकड़े जाने पर आपको पहले से 100 गुना ज्यादा यानी की 50 नहीं बल्कि 5000 रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा. (ordinance to prevent stray animals from wandering on roads)

Animals found on the road in MP will be fined thousands
मप्र में सड़क पर मिले पशु तो लगेगा हजारोंं का जुर्माना
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Published : Apr 7, 2022, 3:02 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में अब से शहर की सड़कों पर घूमने वाले पालतू मवेशियों के पकड़े जाने पर छुड़ाने के लिए आपको अपनी जेब से सीधे सौ गुना ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे. जी हां, अब प्रदेश की सड़कों पर पालतू मवेशी घूमते मिले तो आपको 50 नहीं बल्कि 5000 रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा. (ordinance to prevent stray animals from wandering on roads)

वर्षों पुराने कानून में होने जा रहा बदलाव: प्रदेश में अब सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर आवारा मवेशियों के भटकने पर रोक लगाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने नगर निगम और नगरपालिका के 60 वर्षों से भी ज्यादा पुराने कानून में बदलाव किया है. दरअसल, इस संशोधित एक्ट को राज्य सरकार अध्यादेश (ऑर्डिनेंस) से लागू करने जा रही है.

ये है नया अध्यादेश: नए अध्यादेश में यदि सड़क पर मवेशी मिले तो मालिक को 50 नहीं बल्कि 100 गुना ज्यादा यानी 5000 रुपए तक का जुर्माना भरना होगा. पहले पालतू मवेशियों के पकड़े जाने पर 50 रुपए देकर मवेशी छुड़वा सकते थे लेकिन अब यह राशि 100 गुना बढ़ा दी गई है.

इन धाराओं में होने जा रहा बदलाव: फिलहाल, विधि विभाग ने नगरीय विकास विभाग के इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, और अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. इसमें दो अधिनियम शामिल हैं जिनमें बदलाव हो रहा है, एक है नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 358 और दूसरा है नगरपालिका अधिनियम 1961 की 254.

ये भी पढ़ें - कितने खतरनाक हैं सड़क पर लड़ते ये सांड, देखिए वीडियो

ऐसे आया कानून में बदलाव का विचार: चीफ जस्टिस अक्टूबर 2021 में जब भोपाल से जबलपुर जा रहे थे, तब उन्होंने सड़क पर माविशियों को बैठे देखा. बाद में उन्होंने जबलपुर पहुंचकर कहा था कि ‘सड़कों पर माविशियों का बैठना गंभीर समस्या है, काफी समय से यह यह दिक्कत बनी हुई है, यह ठीक नहीं है, जल्द ही इस समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए. चीफ जस्टिस की इस टिप्पणी के बाद राज्य सरकार हरकत में आई और अब उच्च स्तर पर बैठक के बाद एक्ट को संशोधित करने की सहमति बनी.

बजट में लाने की तैयारी में थी सरकार: इस संशोधित एक्ट को सरकार द्वारा बजट सत्र में लाने की तैयारी थी, लेकिन सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के अब इस अध्यादेश से संशोधित कानून लागू किया जाएगा.

भोपाल: मध्य प्रदेश में अब से शहर की सड़कों पर घूमने वाले पालतू मवेशियों के पकड़े जाने पर छुड़ाने के लिए आपको अपनी जेब से सीधे सौ गुना ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे. जी हां, अब प्रदेश की सड़कों पर पालतू मवेशी घूमते मिले तो आपको 50 नहीं बल्कि 5000 रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा. (ordinance to prevent stray animals from wandering on roads)

वर्षों पुराने कानून में होने जा रहा बदलाव: प्रदेश में अब सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर आवारा मवेशियों के भटकने पर रोक लगाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने नगर निगम और नगरपालिका के 60 वर्षों से भी ज्यादा पुराने कानून में बदलाव किया है. दरअसल, इस संशोधित एक्ट को राज्य सरकार अध्यादेश (ऑर्डिनेंस) से लागू करने जा रही है.

ये है नया अध्यादेश: नए अध्यादेश में यदि सड़क पर मवेशी मिले तो मालिक को 50 नहीं बल्कि 100 गुना ज्यादा यानी 5000 रुपए तक का जुर्माना भरना होगा. पहले पालतू मवेशियों के पकड़े जाने पर 50 रुपए देकर मवेशी छुड़वा सकते थे लेकिन अब यह राशि 100 गुना बढ़ा दी गई है.

इन धाराओं में होने जा रहा बदलाव: फिलहाल, विधि विभाग ने नगरीय विकास विभाग के इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, और अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. इसमें दो अधिनियम शामिल हैं जिनमें बदलाव हो रहा है, एक है नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 358 और दूसरा है नगरपालिका अधिनियम 1961 की 254.

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ऐसे आया कानून में बदलाव का विचार: चीफ जस्टिस अक्टूबर 2021 में जब भोपाल से जबलपुर जा रहे थे, तब उन्होंने सड़क पर माविशियों को बैठे देखा. बाद में उन्होंने जबलपुर पहुंचकर कहा था कि ‘सड़कों पर माविशियों का बैठना गंभीर समस्या है, काफी समय से यह यह दिक्कत बनी हुई है, यह ठीक नहीं है, जल्द ही इस समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए. चीफ जस्टिस की इस टिप्पणी के बाद राज्य सरकार हरकत में आई और अब उच्च स्तर पर बैठक के बाद एक्ट को संशोधित करने की सहमति बनी.

बजट में लाने की तैयारी में थी सरकार: इस संशोधित एक्ट को सरकार द्वारा बजट सत्र में लाने की तैयारी थी, लेकिन सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के अब इस अध्यादेश से संशोधित कानून लागू किया जाएगा.

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