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राधिका की UPSC में 18वीं रैंक, बोलीं-दो साल की मैराथन मेहनत ने बदल दी जिंदगी - राधिका

मध्य प्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली राधिका गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम 2020 में 18 वीं रैंक हासिल की है. उन्होंने 'ईटीवी भारत' संवाददाता मोहम्मद तौसीफ से अपनी सफलता के राज साझा किए.

राधिका
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Published : Sep 25, 2021, 10:30 PM IST

नई दिल्ली/ भोपाल : मध्य प्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली राधिका गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम 2020 में 18वीं रैंक हासिल की है. 24 साल की राधिका ने कहा कि बीते 2 साल में की गई मैराथन मेहनत और 360 डिग्री पढ़ाई के लिए किए गए समर्पण ने मेरी जिंदगी बदल दी.

राधिका ने बताया कि उन्होंने 2018 से यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की थी. दूसरे प्रयास में ही सफलता मिली. सफलता हासिल करने के लिए लंबे समय तक कई चीजों का त्याग करना पड़ा. यूपीएससी की तैयारी मुश्किल भरी थी, लेकिन मैं जानती थी कि इससे मेरी जिंदगी बदल जाएगी, और आज मुझे इस बात का एहसास हो रहा है यह तैयारी और उपल्ब्धि मेरे लिए क्या मायने रखती है.

इंजीनियरिंग से स्नातक करने वाली राधिका बताती हैं कि वह ऐसे जिले से आती हैं जहां की साक्षरता दर तकरीबन 36.10 फीसदी है. उनका कहना है कि यही मेरे लिए सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत भी है. यहां रहने के बाद ही मुझे समझ आया कि शिक्षा किसी के भी जीवन में कितनी बड़ी भूमिका निभाती है इसलिए मैंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की.

उन्होंने बताया कि पहली बार में रैंक कम होने की वजह से मुझे रेलवे में जगह मिली, लेकिन मुझे समाज के लिए कुछ बेहतर करना था, इसलिए मैंने हिम्मत नहीं हारी और दोबारा कोशिश की और दूसरे प्रयास में एग्जाम क्रैक किया.

ऑप्शनल सब्जेक्ट एंथ्रोपोलॉजी चुना था

राधिका ने एंथ्रोपोलॉजी को ऑप्शनल सब्जेक्ट के चुना था और इस विषय का काफी गहराई से अधय्यन भी किया. इंटरव्यू की तैयारी के लिए उन्होंने दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की अकादमी में कोचिंग हासिल की. राधिका बताती हैं कि उन्हें वहां पर्सनल और इमोशनल दोनों सपोर्ट मिला. अकादमी में मिली कोचिंग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जो छात्र ज्यादा पैसा खर्च नहीं कर सकते उनके लिए यह कादमी बेस्ट संस्थान है.

मोहम्मद हारिस सुमैर की 270 वीं रैंक

राधिका के अलावा इस कोचिंग अकादमी से मोहम्मद हारिस सुमैर ने 270 वीं रैंक हासिल की है. हारिस कहते हैं कि यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए यह एक बेहतर जगह है. यहां से पासआउट हो चुके स्टूडेंट बताते हैं कि जामिया की इस कोचिंग से यूपीएससी 2020 के एग्जाम में 23 स्टूडेंट्स ने क्वालीफाई किया है. सुमैर ने बताया कि यहां एडमिशन के लिए एंट्रेस एग्जाम क्लियर करना होता है, डायरेक्ट एंट्री नहीं होती है. यहां की क्लालिफाइड फैकल्टी छात्रों का मार्गदर्शन करती है.

पढ़ें- स्कूल में चाय-पकौड़े बेचने वाले के बेटे अल्ताफ बने IPS, पढ़िए संघर्ष की कहानी

कर्नाटक के बीदर के रहने वाले हारिस बताते हैं कि अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट हर्ष गुप्ता से काफी प्रभावित थे. उन्होंने ही मजिस्ट्रेट के पावर और वर्क प्रोफाइल के बारे में जानकारी देने के साथ ही जिले में उसकी जरूरतों के बारे में भी बताया. जिसके बाद ठान लिया कि आईएएस ऑफिसर बनना है. उन्होने बताया कि पिछले साल उनके भाई मोहम्मद नदीम ने आईपीएस सिलेक्ट हुए हैं. जिससे मुझे यूपीएस एग्जाम की तैयारी करने की प्रेरणा मिली.

हारिस अन्य छात्रों को भी यह मैसेज देना चाहते हैं कि जो देश सेवा का जज्बा रखते हुए कुछ बेहतर करना चाहते हैं अकादमी में एडमिशन लेकर अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं.

पढ़ें- UPSC सेकंड रैंकर जागृति अवस्थी ने बताए एग्जाम क्रैक करने के टिप्स, आप भी सुनें
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नई दिल्ली/ भोपाल : मध्य प्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली राधिका गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम 2020 में 18वीं रैंक हासिल की है. 24 साल की राधिका ने कहा कि बीते 2 साल में की गई मैराथन मेहनत और 360 डिग्री पढ़ाई के लिए किए गए समर्पण ने मेरी जिंदगी बदल दी.

राधिका ने बताया कि उन्होंने 2018 से यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की थी. दूसरे प्रयास में ही सफलता मिली. सफलता हासिल करने के लिए लंबे समय तक कई चीजों का त्याग करना पड़ा. यूपीएससी की तैयारी मुश्किल भरी थी, लेकिन मैं जानती थी कि इससे मेरी जिंदगी बदल जाएगी, और आज मुझे इस बात का एहसास हो रहा है यह तैयारी और उपल्ब्धि मेरे लिए क्या मायने रखती है.

इंजीनियरिंग से स्नातक करने वाली राधिका बताती हैं कि वह ऐसे जिले से आती हैं जहां की साक्षरता दर तकरीबन 36.10 फीसदी है. उनका कहना है कि यही मेरे लिए सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत भी है. यहां रहने के बाद ही मुझे समझ आया कि शिक्षा किसी के भी जीवन में कितनी बड़ी भूमिका निभाती है इसलिए मैंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की.

उन्होंने बताया कि पहली बार में रैंक कम होने की वजह से मुझे रेलवे में जगह मिली, लेकिन मुझे समाज के लिए कुछ बेहतर करना था, इसलिए मैंने हिम्मत नहीं हारी और दोबारा कोशिश की और दूसरे प्रयास में एग्जाम क्रैक किया.

ऑप्शनल सब्जेक्ट एंथ्रोपोलॉजी चुना था

राधिका ने एंथ्रोपोलॉजी को ऑप्शनल सब्जेक्ट के चुना था और इस विषय का काफी गहराई से अधय्यन भी किया. इंटरव्यू की तैयारी के लिए उन्होंने दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की अकादमी में कोचिंग हासिल की. राधिका बताती हैं कि उन्हें वहां पर्सनल और इमोशनल दोनों सपोर्ट मिला. अकादमी में मिली कोचिंग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जो छात्र ज्यादा पैसा खर्च नहीं कर सकते उनके लिए यह कादमी बेस्ट संस्थान है.

मोहम्मद हारिस सुमैर की 270 वीं रैंक

राधिका के अलावा इस कोचिंग अकादमी से मोहम्मद हारिस सुमैर ने 270 वीं रैंक हासिल की है. हारिस कहते हैं कि यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए यह एक बेहतर जगह है. यहां से पासआउट हो चुके स्टूडेंट बताते हैं कि जामिया की इस कोचिंग से यूपीएससी 2020 के एग्जाम में 23 स्टूडेंट्स ने क्वालीफाई किया है. सुमैर ने बताया कि यहां एडमिशन के लिए एंट्रेस एग्जाम क्लियर करना होता है, डायरेक्ट एंट्री नहीं होती है. यहां की क्लालिफाइड फैकल्टी छात्रों का मार्गदर्शन करती है.

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कर्नाटक के बीदर के रहने वाले हारिस बताते हैं कि अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट हर्ष गुप्ता से काफी प्रभावित थे. उन्होंने ही मजिस्ट्रेट के पावर और वर्क प्रोफाइल के बारे में जानकारी देने के साथ ही जिले में उसकी जरूरतों के बारे में भी बताया. जिसके बाद ठान लिया कि आईएएस ऑफिसर बनना है. उन्होने बताया कि पिछले साल उनके भाई मोहम्मद नदीम ने आईपीएस सिलेक्ट हुए हैं. जिससे मुझे यूपीएस एग्जाम की तैयारी करने की प्रेरणा मिली.

हारिस अन्य छात्रों को भी यह मैसेज देना चाहते हैं कि जो देश सेवा का जज्बा रखते हुए कुछ बेहतर करना चाहते हैं अकादमी में एडमिशन लेकर अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं.

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