अमरावती : आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में अंधविश्वास के चक्कर में दो बेटियों की हत्या करने वाले दंपती को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मामले में पुरुषोत्तम नायडू और उनकी पत्नी पद्माजा पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है. 14 दिन की रिमांड के लिए पुलिस ने मदनपल्ली कोर्ट में अर्जी दी है. फिलहाल दोनों को मदनपल्ली की उपजेल में रखा गया है.
'मैं भगवान शिव हूं, कोरोना टेस्ट क्यों कर रहे हो.'
दोहरे हत्याकांड में गिरफ्तार पुरुषोत्तम नायडू और पद्माजा का कोरोना टेस्ट मदनपल्ली के सरकारी अस्पताल में कराया जाना था. पद्माजा ने कोरोना टेस्ट कराने के लिए अस्पताल के अंदर जाने से इनकार कर दिया. वह अजीब हरकतें करने लगी. जब डॉक्टरों की टीम पुलिस वाहन के पास उसका कोरोना टेस्ट करने आई तो वह कहने लगी कि 'मैं भगवान शिव हूं, मेरा कोरोना टेस्ट क्यों कर रहे हो.' आरोपियों को मनोचिकित्सक के पास भी ले जाया गया.
मनोचिकित्सक डॉ. राधिका का कहना है कि पद्मजा मानसिक रूप से बीमार है. पद्मजा जो कह रही थी उसका पति पुरुषोत्तम पालन कर रहा था. आरोपियों को रुआ मनोरोग विभाग में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है.
डीएसपी रवि मनोहरचारी ने स्पष्ट किया कि मामले में बाहरी लोग शामिल नहीं हैं. पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सबूतों जांच कर रही है.
सुशिक्षित दंपती ने अंधविश्वास में की दो बेटियों की हत्या
यहां चौंकाने वाला मामला इसलिए है क्योंकि जिन पर बेटियों की हत्या का आरोप लगा है वह काफी पढ़े-लिखे हैं. पुरुषोत्तम नायडू (एमएससी, पीएचडी) मदनपल्ली में सरकारी महिला डिग्री कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. वह कॉलेज के उप प्रधानाचार्य भी हैं. उनकी पत्नी पद्माजा स्नातकोत्तर और स्वर्ण पदक विजेता हैं, जो एक स्थानीय निजी स्कूल की प्रधानाचार्य हैं.
उनकी बड़ी बेटी एलिकख्या (27) भोपाल में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही थी और छोटी बेटी साई दिव्या (22) बीबीए करने के बाद ए.आर. रहमान म्यूजिक एकेडमी में संगीत का अध्ययन कर रही थी.
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कोरोना वायरस के मद्देनजर लगे लॉकडाउन के बाद से दोनों बेटियां अपने माता-पिता के साथ रह रही थीं. बताया जाता है कि बेटियों की कथित तौर पर इस उम्मीद में हत्या कर दी कि दैवीय शक्ति से कुछ घंटों में वे जिंदा हो जाएंगी.