श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने शनिवार को दावा किया कि अमेरिकी असॉल्ट राइफल एम4 का पाकिस्तान या अफगानिस्तान में किसी स्थान पर गैर कानूनी तरीके से निर्माण हो रहा है. बता दें कि हाल में सुरक्षाबलों ने केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों से जो हथियार जब्त किए हैं, उनमें एम4 असॉल्ट राइफल भी शामिल हैं.
सिंह वर्ष 2020 में पाकिस्तान से ड्रोन एवं अन्य माध्यमों से सीमावर्ती इलाके में हथियारों की तस्करी करने की कोशिश और उन्हें सुरक्षा बलों द्वारा जब्त करने की घटनाओं की जानकारी दे रहे थे. केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सिंह ने बताया कि पिछले साल बड़े पैमाने पर हथियार जब्त किए गए जो उससे पहले साल के मुकाबले कहीं अधिक हैं. वर्ष 2020 में कुल 475 हथियार जब्त किए, जबकि वर्ष 2019 में जब्त हथियारों की संख्या इसकी आधी भी नहीं थी.
उन्होंने बताया कि जब्त सामानों में पिस्तौल, एके असॉल्ट राइफल, एम4 राइफल, मादक पदार्थ और नकदी शामिल है. सिंह ने दावा किया कि एम4 वास्तव में अमेरिकी राइफल है. लेकिन इनकी नकल पाकिस्तान या अफगानिस्तान में कहीं बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी पाकिस्तान से ड्रोन या अन्य माध्यमों से हो रही है.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि अगर मैं कहूं कि मादक पदार्थों का उपहार वहां (पाकिस्तान) से आ रहा है तो इससे आपको स्पष्ट हो जाएगा कि यह कश्मीर से लगती सीमा, राजौरी-पुंछ या जम्मू-कठुआ-सांबा सीमा के रास्ते आ रहा है. पिछले कुछ समय से मादक पदार्थ ड्रोन से यहां गिराए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जब्त मादक पदार्थ की गुणवत्ता अभूतपूर्व है. हम इस संगठित अपराध का मुकाबला करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. सिंह ने बताया कि मादक पदार्थ की समस्या से निपटने के लिए पुलिस अपराध शाखा में मादक पदार्थ विरोधी कार्यबल का गठन का किया गया है.
पाकिस्तानी कब्जे वाले इलाके से आतंकवादियों के घुसपैठ के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि उनका मानना है कि इस साल भी ऐसी घटनाओं की संख्या कम रहेगी. उन्होंने कहा कि मैं नहीं कह सकता कि मौसम के बदलने के साथ यह बढ़ेगी या नहीं लेकिन मेरा मानना है कि ऐसी घटनाएं कम होंगी. क्योंकि वार्ता होने के बाद से सीमा पर संघर्ष विराम पूर्ण रूप से लागू है.
हमें घुसपैठ की कोई सूचना नहीं मिली है. अगर ऐसी कोशिश की जाती है तो हम उसका मुकाबला करने के लिए तैयार हैं. शोपियां जिले से लापता हुए सेना के जवान शकीर मंजूर के बारे में सिंह ने कहा कि हम नहीं जानते कि उनकी कहां पर हत्या की गई और कहां दफनाया गया.
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हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.