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Mob Lynching पर संसद में बोली सरकार, मृतकों या घायलों की संख्या की जानकारी नहीं

मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) से जुड़े एक सवाल पर केंद्र सरकार ने कहा है कि सरकार के पास मारे गए लोगों की संख्या के बारे में अलग से कोई जानकारी नहीं है.

Mob Lynching
मॉब लिंचिंग
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Published : Dec 15, 2021, 5:09 PM IST

Updated : Dec 15, 2021, 7:12 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बताया है कि देश में सतर्क समूहों, (vigilante groups) भीड़ या भीड़ द्वारा मारे गए लोगों या ऐसे लोगों के घायल होने का कोई डेटा नहीं है.

सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र (parliament winter session) के 13वें दिन मॉब लिंचिंग से जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया कि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा निगरानी समूहों, भीड़ या भीड़ द्वारा मारे गए या घायल हुए लोगों का कोई अलग डेटा नहीं रखा जाता है.

राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (mos Home Affairs Nityanand Rai) ने कहा कि सरकार ने ऑडियो-विजुअल मीडिया के माध्यम से मॉब लिंचिंग के खतरे को रोकने के लिए जन जागरूकता पैदा की है.

उन्होंने कहा कि देश के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस और लोक व्यव्यवस्था राज्य के विषय हैं और राज्य सरकारें अपनी विधि प्रवर्तन एजेंसियों के जरिए अपराध को रोकने तथा अपराधियों के अभियोजन के लिए उत्तरदायी हैं.

पढ़ें :- religious activity on govt land : केंद्र से दिशानिर्देश जारी नहीं, कहा- 'जमीन' राज्य का विषय

राय ने कहा कि तथापि गृह मंत्रालय ने कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि कानून को अपने हाथों में लेने वाले हर व्यक्ति को तुरंत सजा मिले, समय समय पर राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी किए हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार ने भीड़ द्वारा हत्या के खतरे को समाप्त करने के लिए दृश्य-श्रव्य मीडिया के माध्यम से भी लोगों में जागरूकता उत्पन्न की है. इसके साथ ही सरकार ने भीड़ द्वारा हिंसा को बढ़ावा देने की आशंका वाली झूठी खबरों और अफवाहों को रोकने के लिए कदम उठाने हेतु सेवा प्रदाताओं को भी संवेदनशील बनाया है.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बताया है कि देश में सतर्क समूहों, (vigilante groups) भीड़ या भीड़ द्वारा मारे गए लोगों या ऐसे लोगों के घायल होने का कोई डेटा नहीं है.

सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र (parliament winter session) के 13वें दिन मॉब लिंचिंग से जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया कि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा निगरानी समूहों, भीड़ या भीड़ द्वारा मारे गए या घायल हुए लोगों का कोई अलग डेटा नहीं रखा जाता है.

राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (mos Home Affairs Nityanand Rai) ने कहा कि सरकार ने ऑडियो-विजुअल मीडिया के माध्यम से मॉब लिंचिंग के खतरे को रोकने के लिए जन जागरूकता पैदा की है.

उन्होंने कहा कि देश के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस और लोक व्यव्यवस्था राज्य के विषय हैं और राज्य सरकारें अपनी विधि प्रवर्तन एजेंसियों के जरिए अपराध को रोकने तथा अपराधियों के अभियोजन के लिए उत्तरदायी हैं.

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राय ने कहा कि तथापि गृह मंत्रालय ने कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि कानून को अपने हाथों में लेने वाले हर व्यक्ति को तुरंत सजा मिले, समय समय पर राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी किए हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार ने भीड़ द्वारा हत्या के खतरे को समाप्त करने के लिए दृश्य-श्रव्य मीडिया के माध्यम से भी लोगों में जागरूकता उत्पन्न की है. इसके साथ ही सरकार ने भीड़ द्वारा हिंसा को बढ़ावा देने की आशंका वाली झूठी खबरों और अफवाहों को रोकने के लिए कदम उठाने हेतु सेवा प्रदाताओं को भी संवेदनशील बनाया है.

(पीटीआई)

Last Updated : Dec 15, 2021, 7:12 PM IST
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