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लंपी बीमारी से बचाने गुजरात के कच्छ जिले में गायों को खिलाए जा रहे आयुर्वेदिक लड्डू - lumpy skin disease virus

गुजरात में ढेलेदार त्वचा रोग (लंपी वायरस) से गायों को बचाने के लिए उन्हें आयुर्वेदिक लड्डू खिलाने के काम किया जा रहा है. इससे इस रोग से पीड़ित गायों की स्थिति में सुधार हो रहा है.

Ayurvedic laddus being fed to cows
गायों को खिलाए जा रहे आयुर्वेदिक लड्डू
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Published : Aug 7, 2022, 4:31 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 4:59 PM IST

कच्छ : ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) के फैलने से गुजरात में गाय के दूध का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वहीं कच्छ जिले में इस रोग के कारण गायों की स्थिति प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है, इसे देखते हुए मांडवी नगर पालिका और भाजपा ने गौ माता देखभाल केंद्र शुरू किया है. इतना ही नहीं मांडवी में गांठदार बीमारी के प्रकोप से लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों द्वारा हर 6-8 घंटे में हजारों आयुर्वेदिक लड्डू दिए जाते हैं. यहां पिछले 20 दिनों से सेवा शिविर और उपचार चल रहा है. इसके अलावा विश्व हिंदू संगठन, आरएसएस के कार्यकर्ता भी शहर में गायों की सेवा के लिए आगे आ रहे हैं.

देखें वीडियो

बता दें कि गौ माता केयर सेंटर में रोजाना 8 से 10 गाय इलाज के लिए आती हैं और रोजाना 2 से 3 गायों को इलाज के बाद वापस भेज दिया जाता है. साथ ही यहां पर डॉक्टरों की 2 से 3 टीमें अपनी सेवाएं दे रही हैं. इसके अलावा कई लोग दवा दान में देकर मदद कर रहे हैं. शिविर में गायों को चारा, भूसा और 11 प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का काढ़ा दिया जाता है, जिससे ढेलेदार गाय की स्थिति में सुधार हो रहा है.

घरेलू उपाय : पान के 10 टुकड़े, 10 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम जीरा, 10 ग्राम हल्दी और 50 से 100 ग्राम गुड़ लें.

मिश्रण बनाने की विधि : उपरोक्त सभी चीजों को पीसकर गुड़ में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर पशुओं को दिन में दो से तीन बार खिलाएं (उपरोक्त मिश्रण एक वयस्क पशु के लिए है). यह उपचार एक से दो सप्ताह तक करें.

ये भी पढ़ें - गुजरात: लंपी वायरस के कारण विश्व प्रसिद्ध तरनेतार पशु मेला रद्द

कच्छ : ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) के फैलने से गुजरात में गाय के दूध का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वहीं कच्छ जिले में इस रोग के कारण गायों की स्थिति प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है, इसे देखते हुए मांडवी नगर पालिका और भाजपा ने गौ माता देखभाल केंद्र शुरू किया है. इतना ही नहीं मांडवी में गांठदार बीमारी के प्रकोप से लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों द्वारा हर 6-8 घंटे में हजारों आयुर्वेदिक लड्डू दिए जाते हैं. यहां पिछले 20 दिनों से सेवा शिविर और उपचार चल रहा है. इसके अलावा विश्व हिंदू संगठन, आरएसएस के कार्यकर्ता भी शहर में गायों की सेवा के लिए आगे आ रहे हैं.

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बता दें कि गौ माता केयर सेंटर में रोजाना 8 से 10 गाय इलाज के लिए आती हैं और रोजाना 2 से 3 गायों को इलाज के बाद वापस भेज दिया जाता है. साथ ही यहां पर डॉक्टरों की 2 से 3 टीमें अपनी सेवाएं दे रही हैं. इसके अलावा कई लोग दवा दान में देकर मदद कर रहे हैं. शिविर में गायों को चारा, भूसा और 11 प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का काढ़ा दिया जाता है, जिससे ढेलेदार गाय की स्थिति में सुधार हो रहा है.

घरेलू उपाय : पान के 10 टुकड़े, 10 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम जीरा, 10 ग्राम हल्दी और 50 से 100 ग्राम गुड़ लें.

मिश्रण बनाने की विधि : उपरोक्त सभी चीजों को पीसकर गुड़ में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर पशुओं को दिन में दो से तीन बार खिलाएं (उपरोक्त मिश्रण एक वयस्क पशु के लिए है). यह उपचार एक से दो सप्ताह तक करें.

ये भी पढ़ें - गुजरात: लंपी वायरस के कारण विश्व प्रसिद्ध तरनेतार पशु मेला रद्द

Last Updated : Aug 7, 2022, 4:59 PM IST
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