लुधियाना : पंजाब के गियासपुरा गैस कांड की जांच देर रात तक इलाके में चलती रही. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ग्यासपुरा इलाके में रविवार को हाइड्रोजन सल्फाइड गैस बढ़ने से 11 लोगों की मौत हुई है. गैस के प्रभाव को कम करने के लिए कास्टिक सोडा का उपयोग किया जा रहा है और सीवेज में गैस की मात्रा को हर घंटे मापा जा रहा है. जांच के दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे. वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब के लुधियाना में कथित रूप से जहरीली गैस के रिसाव से कारण लोगों की मौत पर सोमवार को दुख जताया और मृतकों के परिजनों तथा घायलों के लिए अनुग्रह राशि की भी घोषणा की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, 'लुधियाना में गैस रिसाव के कारण हुई त्रासदी पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. प्रत्येक घायल व्यक्ति को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.'
मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अगले 24 घंटे तक वे लगातार निगरानी करेंगे. इस दौरान पता करेंगे कि गैस रिसाव सीवेज के कारण हुआ है या किसी फैक्ट्री मालिक की लापरवाही के कारण हुआ. इसलिए वे अगले 24 घंटे लगातार सीवेज से निकलने वाली गैस की जांच कर रहे हैं. गैस कब कम हो रही है और कब बढ़ रही है, इसकी जांच की जा रही है, ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो.
गैस का बनना जांच का विषय है. एनडीआरएफ की दो टीम लगातार इस काम में लगी हुई हैं. बठिंडा से विशेष टीम बुलाई गई है. एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ऐसा अक्सर नहीं होता है. सीवेज में गैस होती है, लेकिन यहां बड़ी मात्रा में गैस कैसे बनी, यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि जिस घर में सभी निवासियों की मौत हुई है, वहां वेंटिलेशन के लिए कोई खिड़की नहीं है.
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घर में काफी गैस जमा हो गई थी. इसकी जांच बहुत जरूरी है. लुधियाना प्रशासन लगातार ऐलान कर रहा है कि लोग घरों से बाहर न निकलें. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह गैस कहां से आनी शुरू हुई. इस घटना ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया है. गैसों का यह संयोग मानव जीवन के लिए खतरनाक साबित हुआ है. स्थानीय लोगों के मुताबिक हाइड्रोजन सल्फाइड गैस दिमाग को सुन्न कर रही थी. इसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है. गैस का रिसाव सीवेज से होता है. आसपास बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां भी हैं. हाइड्रोजन सल्फाइड अक्सर सीवेज में पाया जाता है, लेकिन उस मात्रा में नहीं जो मनुष्यों के लिए हानिकारक हो. इसी की जांच एनडीआरएफ की टीम कर रही हैं.