चंडीगढ़: पंजाब के लुधियाना की सीएमएस कंपनी में 8.49 करोड़ रुपये की डकैती के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. राज्य के सीएम भगवंत सिंह मान कुछ देर पहले इस संबंध में ट्वीट कर आरोपियों के पकड़े जाने के संकेत दिए. इसके तुरंत बाद डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने ट्वीट कर जानकारी साझा की कि इस मामले में 6 लुटेरों को गिरफ्तार किया गया है. वह जल्द ही इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.
डीजीपी का ट्वीट: एक बड़ी सफलता में लुधियाना पुलिस ने काउंटर इंटेलिजेंस की मदद से 60 घंटे से भी कम समय में कैश वैन डकैती के मामले को सुलझा लिया है. इस वारदात में शामिल 10 आरोपियों में से 6 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और रकम बरामद कर ली गई. वहीं, मामले की जांच जारी है.
लुधियाना पुलिस कमिश्नर का डीजीपी को पत्र: गौरतलब है कि लुधियाना में सीएमएस कंपनी के दफ्तर से 8.49 करोड़ रुपये की लूट के मामले में पुलिस कमिश्नर मनदीप सिद्धू ने डीजीपी गौरव यादव को कंपनी का लाइसेंस रद्द करने के लिए लिखा था. पत्र में सिद्धू ने कहा कि सुरक्षा के मामले में कंपनी की ओर से लापरवाही बरती गई है. कंपनी जुगाड़ू सिस्टम से काम कर रही थी. सुरक्षा गार्डों से ओवरटाइम काम कराया जा रहा था. सिर्फ दो गार्ड करोड़ों रुपए कैश के साथ तैनात थे.
सीसीटीवी वीडियो सुरक्षित करने में नाकामी: उन्होंने आगे लिखा कि हर सुरक्षा कंपनी के सीसीटीवी-डीवीआर को ऑनलाइन क्लाउड सिस्टम से जोड़ दिया गया है ताकि अगर कभी कोई डकैती होती है तो सीसीटीवी फुटेज ऑनलाइन क्लाउड पर सेव हो जाए. सीएमएस कंपनी में करीब 50 सीसीटीवी कैमरे और पांच डीवीआर लगे थे. ये बदमाश सारे डीवीआर अपने साथ ले गए. इनकी फुटेज भी क्लाउड सिस्टम से नहीं जुड़ी थी, जिससे इनकी पहचान करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई.
खराब सेंसर सिस्टम से लुटेरों को फायदा: सीपी ने पत्र में लिखा कि सीएमएस कंपनी का सेंसर सिस्टम ज्यादा सफल नहीं था. इससे लुटेरों को कंपनी में घुसने में मदद मिली. सेंसर सिस्टम से छेड़छाड़ करने पर तुरंत सायरन बजना चाहिए, लेकिन जब लुटेरों ने तार काट दिए तो उच्चाधिकारियों या पुलिस कंट्रोल तक कोई सूचना नहीं पहुंची.