लखनऊ: शूटआउट में मारे गए माफिया अतीक अहमद की काली कमाई राशिद नसीम की कंपनी शाइन सिटी में भी लगी थी. राशिद दुबई भाग चुका है. सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि, वर्ष 2012 में अतीक अहमद ने प्रयागराज के करेली में रहने वाले राशिद नसीम को रियल एस्टेट के बिजनेस में इन्वेस्ट करने के लिए करोड़ों रुपए दिए थे. जिसका आधा मुनाफा अतीक अहमद को मिलता था. UP STF के विश्वत सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ जल्द ही लखनऊ जेल में बंद राशिद नसीम के भाई और शाइन सिटी के निदेशक आसिफ से पूछताछ कर सकती है.
शाइन सिटी शुरू करने के लिए राशिद को अतीक ने की थी मदद: अतीक अहमद के सहयोगियों और उसे आर्थिक मदद करने वालों को एसटीएफ तलाश रही है. सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि हजारों लोगों के करोड़ों रुपए लेकर भाग चुके राशिद नसीम ने अतीक अहमद के ही पैसों से अपना साम्राज्य खड़ा किया था. जिसके बाद उससे कमाए गए मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा अतीक अहमद को जाता था. जांच में सामने आया है कि वर्ष 2012 में प्रयागराज में करेली के जीटीबी नगर निवासी राशिद नसीम को अतीक अहमद ने काली कमाई का एक हिस्सा रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करने के लिए दिया था.
मुनाफे का 50 फीसदी अतीक अहमद को देता था: एसटीएफ के सूत्रों ने बताया है कि, वर्ष 2012 में राशिद नसीम अतीक के पैसों को लेकर लखनऊ आया था. यहां सबसे पहले उसने स्वास्तिक नाम की कंपनी के साथ काम शुरू किया था. इसके बाद उसने शाइन सिटी नाम की कंपनी शुरू की. सूत्रों के अनुसार अतीक अहमद के पैसों से ही राशिद और उसके भाई आसिफ ने लखनऊ में जमीनों की खरीद फरोख्त की थी. इससे होने वाले मुनाफे का 50 फीसदी अतीक अहमद को जाता था. जिसका लेखा-जोखा उमर देखता था. जो इन दिनों लखनऊ जेल में बंद है.
दोनों ठग भाइयों को अतीक के गुर्गों ने छिपने में की मदद: सूत्रों के मुताबिक, देश भर के उपभोक्ताओं के 60 हजार करोड़ ठग कर जब राशिद फरार हुआ, तो उसे अतीक अहमद ने ही अंडर ग्राउंड कराया था. यही नहीं उसे नेपाल भी अतीक के गुर्गों ने भेजा था. हालांकि, वर्ष 2019 में वह नेपाल में गिरफ्तार हो गया था. जहां से जमानत मिलने पर वह दुबई भाग गया. राशिद के भाई आसिफ को भी प्रयागराज में अतीक अहमद के बेटों ने शरण दी थी. हालांकि, उसे भी यूपी एसटीएफ की टीम ने फाफामऊ से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
लखनऊ जेल में बंद है आसिफ और अतीक का बेटा उमर: माना जा रहा है कि जल्द ही यूपी एसटीएफ लखनऊ जेल में बंद आसिफ से पूछताछ कर सकती है. एसटीएफ को शक है कि अतीक अहमद का और भी कई संपत्तियों में पैसा लगा है. जो आसिफ और राशिद की जानकारी में हो सकता है. लखनऊ जेल में अतीक का बड़ा बेटा उमर भी आसिफ के साथ बंद है.
ईडी भी कर रही है अतीक की संपत्तियों की जांच: दो साल पहले माफिया अतीक अहमद के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. बीते 16 महीने ईडी ने इस मामले में अधिक सक्रियता नहीं दिखाई थी. हालांकि, एजेंसी ने नवंबर 2021 में प्रयागराज के फूलपुर इलाके में अतीक अहमद की 8 करोड़ रुपए की एक संपत्ति जब्त की थी, जो अतीक की पत्नी शाइस्ता के नाम पर साढ़े चार करोड़ रुपए में खरीदी गई थी. अब माना जा रहा है कि राशिद और आसिफ की कंपनी में अतीक के पैसों के लगे होने की सूचना पर ईडी इसे अपने जांच में शामिल कर सकती है.
कौन है राशिद नसीम और आसिफ: शाइन सिटी के सीएमडी राशिद नसीम का भाई व कंपनी में एमडी आसिफ नसीम को एसटीएफ ने नवंबर 2021 को प्रयागराज से गिरफ्तार किया था. उस पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. उसके खिलाफ लखनऊ में 374 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें से गोमतीनगर में दर्ज 82 मुकदमों में सीबीआई कोर्ट ने कुर्की का आदेश जारी कर चुकी है. वहीं, कंपनी का एमडी राशिद नसीम को साल 2019 में नेपाल के काठमांडू से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, बाद में नेपाल से ही उसे जमानत मिल गई थी. इसके बाद वह दुबई भाग गया.
अब वह दुबई से नेटवर्क चला रहा है और जार्जिया की नागरिकता लेने की तैयारी में है. वहीं ईओडब्ल्यू ने राशिद के प्रत्यर्पण के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को जरुरी कागजात भेज दिए है. एजेंसी के मुताबिक राशिद और उसका भाई आसिफ नसीम शाइन सिटी समेत करीब 36 कंपनियों के निदेशक हैं. दोनों ने मिलकर प्लाट, मकान, हीरा, क्रिप्टो करेंसी, सोना और रुपये दोगुना करने का लालच देकर हजारों लोगों को ठगा है. दोनों भाई प्रयागराज के करैली जीटीबी कालोनी के रहने वाले हैं. इन्होंने लखनऊ समेत देश के कई शहरों में ऑफिस खोले थे. कंपनी के खिलाफ दर्ज मुकदमों के मामलों में आसिफ नसीम समेत 58 लोग अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं.