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अपहरण मामले में विधायक अमनमणि त्रिपाठी पर फैसला आज

लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज आज अपहरण मामले में आरोपी विधायक अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ अपना फैसला सुनाएंगे. अगर अमनमणि त्रिपाठी को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता भी खत्म हो जाएगी.

अमनमणि त्रिपाठी
अमनमणि त्रिपाठी
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Published : Sep 30, 2021, 2:55 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले से निदर्लीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के मामले में लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय आज अपना फैसला सुनाएंगे. 27 सितंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट में अपहरण के एक मामले में अमनमणि त्रिपाठी और अन्य आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई थी, लेकिन कोर्ट ने 30 सितंबर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अमनमणि मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्वांचल के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं. वर्तमान में वह महाराजगंज की नौतनवां सीट से निदर्लीय विधायक हैं. अगर अपहरण मामले में अमनमणि त्रिपाठी को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उनकी विधायकी भी जा सकती है. साथ ही, वह आगे से चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.

गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय ने 06 अगस्त, 2014 को अमनमणि त्रिपाठी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में अमनमणि व उसके दो साथियों संदीप त्रिपाठी व रवि शुक्ला पर अपहरण कर फिरौती मांगने और जानमाल की धमकी देने का आरोप लगाया था.

विवेचना के बाद अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 364, 386, 504 व 506 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया. 28 जुलाई, 2017 को अदालत ने अमनमणि समेत तीनों अभियुक्तों पर आरोप तय किया था.

अमनमणि त्रिपाठी ने इसी साल 26 मार्च को लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट के समक्ष अपहरण के मामले में आत्मसमर्पण किया. हालांकि, विशेष जज पवन कुमार राय ने उनके खिलाफ जारी वारंट को निरस्त करते हुए उन्हें 50 हजार रुपये के निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया था.

इसे भी पढे़ं- लव और मर्डर के चक्कर में फंस गए बाहुबली बाप-बेटे, जानिए क्या है अमनमणि की 'अमर' कहानी

विधायक अमनमणि त्रिपाठी पर पहली पत्‍नी की हत्‍या का भी आरोप है. इसकी जांच सीबीआई कर रही है. उन्हें पहली पत्नी की हत्‍या के आरोप में उन्‍हें जेल भी जाना पड़ा था. हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले से निदर्लीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के मामले में लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय आज अपना फैसला सुनाएंगे. 27 सितंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट में अपहरण के एक मामले में अमनमणि त्रिपाठी और अन्य आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई थी, लेकिन कोर्ट ने 30 सितंबर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अमनमणि मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्वांचल के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं. वर्तमान में वह महाराजगंज की नौतनवां सीट से निदर्लीय विधायक हैं. अगर अपहरण मामले में अमनमणि त्रिपाठी को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उनकी विधायकी भी जा सकती है. साथ ही, वह आगे से चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.

गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय ने 06 अगस्त, 2014 को अमनमणि त्रिपाठी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में अमनमणि व उसके दो साथियों संदीप त्रिपाठी व रवि शुक्ला पर अपहरण कर फिरौती मांगने और जानमाल की धमकी देने का आरोप लगाया था.

विवेचना के बाद अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 364, 386, 504 व 506 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया. 28 जुलाई, 2017 को अदालत ने अमनमणि समेत तीनों अभियुक्तों पर आरोप तय किया था.

अमनमणि त्रिपाठी ने इसी साल 26 मार्च को लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट के समक्ष अपहरण के मामले में आत्मसमर्पण किया. हालांकि, विशेष जज पवन कुमार राय ने उनके खिलाफ जारी वारंट को निरस्त करते हुए उन्हें 50 हजार रुपये के निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया था.

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विधायक अमनमणि त्रिपाठी पर पहली पत्‍नी की हत्‍या का भी आरोप है. इसकी जांच सीबीआई कर रही है. उन्हें पहली पत्नी की हत्‍या के आरोप में उन्‍हें जेल भी जाना पड़ा था. हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.

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