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संसद की सुरक्षा में चूक : भाजपा सांसद को पार्टी का समर्थन मिलने की उम्‍मीद - भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा

संसद की सुरक्षा में चूक मामले में भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. आरोपियों का विजिटर पास सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर बना था. हालांकि सांसद को उम्मीद है कि इस मामले में उन्हें पार्टी से समर्थन मिलेगा. LS security breach, BJP MP to get support from party, BJP MP Pratap Simha.

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भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा
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By IANS

Published : Dec 14, 2023, 10:53 PM IST

बेंगलुरु: संसद की सुरक्षा में चूक मामले में भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा (BJP MP Pratap Simha) को अपनी पार्टी का समर्थन मिलने की उम्मीद है. यह बात सूत्रों ने कही. इस मामले के आरोपियों का विजिटर पास सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर बना था. पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता के.एस. ईश्‍वरप्पा (KS Eshwarappa) ने कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक मामले में प्रताप सिम्हा जैसे देशभक्त और हिंदुत्व विचारक की कोई निंदा नहीं कर सकता.

वहीं, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सिम्हा को आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट मिलने की संभावना नहीं है, यही वजह है कि वह विवाद पैदा कर रहे हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सिम्हा का गिरफ्तार आरोपी मनोरंजन डी. के साथ घनिष्ठ संबंध है, जिसने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई और कनस्तर से धुआंधार पीला धुआं निकालकर लोकसभा ही नहीं, समूचे देश को स्‍तब्‍ध कर दिया. मनोरंजन और उनके सहयोगी सागर शर्मा को प्रताप सिम्हा कार्यालय द्वारा पास जारी किए गए थे.

राजनीतिक विश्‍लेषक चन्नबसप्पा रुद्रप्पा ने कहा कि सिम्हा राजनीति में कूटनीतिक या सुरक्षित खेल खेलने वालों में से नहीं हैं. रुद्रप्पा ने कहा, 'वह हमेशा जोखिम लेते हैं और स्पष्टवादी हैं. उन्हें कूदना पसंद है और वह कुछ सक्रिय सांसदों में से एक हैं. मुझे नहीं लगता कि पार्टी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू करने जा रही है.'

सूत्रों ने कहा कि वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले सिम्हा के पूर्व पीएम देवेगौड़ा के परिवार के साथ भी अच्छे संबंध हैं. भाजपा और जद (एस) के बीच गठबंधन के बाद सिम्हा की स्थिति वोक्कालिगा-प्रभुत्व वाले मैसुरु-कोडगु निर्वाचन क्षेत्र में और मजबूत हो गई है. सूत्रों ने कहा कि गठबंधन ने सिम्हा के आंतरिक विरोध काे ध्यान में रखा है.

इसके अलावा, सिम्हा को आरएसएस और हिंदुत्व समूहों से भी बिना शर्त समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, खासकर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को भी चुनौती दी है. सिम्हा ने प्रतिष्ठित विजया कर्नाटक समाचारपत्र में अपना कॉलम लिखकर कर्नाटक में प्रसिद्धि हासिल की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक किताब भी लिखी है और दक्षिणपंथियों के बीच मशहूर हो गए हैं.

उन्होंने 2014 में पहली बार संसदीय चुनाव जीता और फिर 2019 में अपनी जीत दोहराई. सिम्हा (47) ने 2019 में 1.4 लाख वोटों के अंतर से प्रचंड जीत दर्ज की. सूत्रों ने यह भी कहा कि सिम्हा आगामी लोकसभा चुनाव में तीसरी जीत के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

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बेंगलुरु: संसद की सुरक्षा में चूक मामले में भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा (BJP MP Pratap Simha) को अपनी पार्टी का समर्थन मिलने की उम्मीद है. यह बात सूत्रों ने कही. इस मामले के आरोपियों का विजिटर पास सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर बना था. पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता के.एस. ईश्‍वरप्पा (KS Eshwarappa) ने कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक मामले में प्रताप सिम्हा जैसे देशभक्त और हिंदुत्व विचारक की कोई निंदा नहीं कर सकता.

वहीं, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सिम्हा को आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट मिलने की संभावना नहीं है, यही वजह है कि वह विवाद पैदा कर रहे हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सिम्हा का गिरफ्तार आरोपी मनोरंजन डी. के साथ घनिष्ठ संबंध है, जिसने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई और कनस्तर से धुआंधार पीला धुआं निकालकर लोकसभा ही नहीं, समूचे देश को स्‍तब्‍ध कर दिया. मनोरंजन और उनके सहयोगी सागर शर्मा को प्रताप सिम्हा कार्यालय द्वारा पास जारी किए गए थे.

राजनीतिक विश्‍लेषक चन्नबसप्पा रुद्रप्पा ने कहा कि सिम्हा राजनीति में कूटनीतिक या सुरक्षित खेल खेलने वालों में से नहीं हैं. रुद्रप्पा ने कहा, 'वह हमेशा जोखिम लेते हैं और स्पष्टवादी हैं. उन्हें कूदना पसंद है और वह कुछ सक्रिय सांसदों में से एक हैं. मुझे नहीं लगता कि पार्टी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू करने जा रही है.'

सूत्रों ने कहा कि वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले सिम्हा के पूर्व पीएम देवेगौड़ा के परिवार के साथ भी अच्छे संबंध हैं. भाजपा और जद (एस) के बीच गठबंधन के बाद सिम्हा की स्थिति वोक्कालिगा-प्रभुत्व वाले मैसुरु-कोडगु निर्वाचन क्षेत्र में और मजबूत हो गई है. सूत्रों ने कहा कि गठबंधन ने सिम्हा के आंतरिक विरोध काे ध्यान में रखा है.

इसके अलावा, सिम्हा को आरएसएस और हिंदुत्व समूहों से भी बिना शर्त समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, खासकर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को भी चुनौती दी है. सिम्हा ने प्रतिष्ठित विजया कर्नाटक समाचारपत्र में अपना कॉलम लिखकर कर्नाटक में प्रसिद्धि हासिल की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक किताब भी लिखी है और दक्षिणपंथियों के बीच मशहूर हो गए हैं.

उन्होंने 2014 में पहली बार संसदीय चुनाव जीता और फिर 2019 में अपनी जीत दोहराई. सिम्हा (47) ने 2019 में 1.4 लाख वोटों के अंतर से प्रचंड जीत दर्ज की. सूत्रों ने यह भी कहा कि सिम्हा आगामी लोकसभा चुनाव में तीसरी जीत के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

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