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खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से खुदरा महंगाई दर घटकर 4.35 प्रतिशत पर पहुंची

आम लोगों के लिए राहत भरी खबर. सितंबर 2021 में महंगाई दर में करीब एक प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है. ऐसा खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से हुआ.

खुदरा महंगाई दर
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Published : Oct 12, 2021, 7:48 PM IST

नई दिल्ली : खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर महीने में घटकर 4.35 प्रतिशत पर आ गई.

मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 5.30 प्रतिशत तथा सितंबर, 2020 में 7.27 प्रतिशत थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर इस साल सितंबर में नरम होकर 0.68 प्रतिशत रही. यह पिछले महीने 3.11 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है.

भारतीय रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर पर गौर करता है. सरकार ने केंद्रीय बैंक को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.

पढ़ें- अनाज-सब्जियों के दाम कम होने से अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.3 प्रतिशत हुई

आरबीआई ने 2021-22 के लिये सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संतुलित जोखिम के साथ इसके 5.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है.

नई दिल्ली : खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर महीने में घटकर 4.35 प्रतिशत पर आ गई.

मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 5.30 प्रतिशत तथा सितंबर, 2020 में 7.27 प्रतिशत थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर इस साल सितंबर में नरम होकर 0.68 प्रतिशत रही. यह पिछले महीने 3.11 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है.

भारतीय रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर पर गौर करता है. सरकार ने केंद्रीय बैंक को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.

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आरबीआई ने 2021-22 के लिये सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संतुलित जोखिम के साथ इसके 5.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है.

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