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Lovepreet Singh Toofan Released: अमृतसर सेंट्रल जेल से रिहा लवप्रीत सिंह तूफान, श्री हरमंदिर साहिब के दर्शन को रवाना

लवप्रीत सिंह तूफान को अमृतसर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है. इससे पहले सिख संगठनों और उसके वकील जसबीर सिंह उसे जेल से लेने बाहर पहुंचे थे. जेल से बाहर आते ही लवप्रीत सिंह तूफान ने अमृतपाल सिंह और सिख संगत का धन्यवाद किया.

Lovepreet Singh Toofan Released
लवप्रीत सिंह तूफान रिहा
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Published : Feb 24, 2023, 6:54 PM IST

अमृतसर: पंजाब के अजनाला की एक अदालत ने शुक्रवार को अपहरण के मामले में कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत सिंह को रिहा करने का आदेश दिया. यहां पुलिस थाने में अमृतपाल के समर्थकों द्वारा हंगामे और रिहाई की मांग के एक दिन बाद अदालत ने यह आदेश दिया. पंजाब पुलिस के एक उपाधीक्षक (डीएसपी) ने लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को हिरासत से रिहा करने और उसे इस आधार पर रिहा करने के लिए अदालत में एक अर्जी दी कि वह उक्त मामले में शामिल नहीं था और अपराध के समय मौजूद नहीं था.

अजनाला की उपसंभागीय न्यायिक मजिस्ट्रेट मनप्रीत कौर ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि जांच अधिकारी को आरोपी की न्यायिक हिरासत की जरूरत नहीं है, इसलिए लवप्रीत सिंह को हिरासत से छोड़ा जाता है और रिहा किया जाता है. उन्होंने कहा कि संबंधित थाना प्रभारी को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया जाता है. इस संबंध में आवश्यक सूचना जेल अधीक्षक, अमृतसर को भेजी जाए.

अजनाला में पत्रकारों से बातचीत में अमृतपाल सिंह ने अपने सहयोगी की रिहाई को पंथ की जीत करार दिया. अमृतपाल को अक्सर खालिस्तान समर्थक के रूप में बताया जाता है और वह 'वारिस पंजाब दे' नामक एक संगठन का प्रमुख है. अमृतपाल ने कहा कि उसे (लवप्रीत) झूठे मामले में जेल में डाल दिया गया था. अमृतपाल सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना किसी उकसावे के गुरुवार को उसके कुछ समर्थकों के खिलाफ बल प्रयोग किया.

उसने कहा कि कल जो स्थिति बनी वह टल सकती थी, अगर पुलिस ने हमारी बात सुनी होती. जो हालात बने वे मैंने नहीं बनाए. प्रशासन ने पहले समय मांगा था, हमने उन्हें बुधवार तक का समय दिया. हम गुरवार को यहां आए. अमृतपाल ने कहा कि हमने लवप्रीत और अपनी बेगुनाही से संबंधित पर्याप्त सबूत दिए हैं. अमृतपाल के नेतृत्व में वाहनों का एक लंबा काफिला लवप्रीत सिंह की अगवानी के लिए अजनाला शहर से केंद्रीय कारागार, अमृतसर की ओर गया और उसके बाद वे स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के लिए जाएंगे.

आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 (अपहरण), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), 148 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी जमावड़ा) सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. अमृतपाल सिंह ने गुरुवार को अपने समर्थक तूफान सिंह की रिहाई के लिए अल्टीमेटम जारी किया था. अमृतपाल के समर्थकों ने बैरिकेड तोड़ दिए और यहां थाना परिसर में गुरुवार को हंगामा किया.

इस दौरान कुछ समर्थकों के हाथों में हथियार थे. समर्थक मांग कर रहे थे कि लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को रिहा किया जाए. अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि झड़प के दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गये. गुरुवार को बड़ी संख्या में पुलिस बल निगरानी करता रहा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि उपदेशक और अन्य प्रदर्शनकारी घंटों तक अजनाला पुलिस थाने में डटे रहे. अमृतसर पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि गुरुवार की हिंसा को लेकर अमृतपाल सिंह या उसके समर्थकों के खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया है या नहीं.

पढ़ें: Waris Punjab De : जानें, कौन है दीप सिद्धू के संगठन को 'हाईजैक' कर खालिस्तान का प्रचार कर रहा अमृतपाल

घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक थाना में 'अमृत संचार' (सिख समारोह) आयोजित करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति ले जाने वाला एक वाहन भी लाए थे. 'वारिस पंजाब दे' संगठन की स्थापना अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी, जिनकी पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

अमृतसर: पंजाब के अजनाला की एक अदालत ने शुक्रवार को अपहरण के मामले में कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत सिंह को रिहा करने का आदेश दिया. यहां पुलिस थाने में अमृतपाल के समर्थकों द्वारा हंगामे और रिहाई की मांग के एक दिन बाद अदालत ने यह आदेश दिया. पंजाब पुलिस के एक उपाधीक्षक (डीएसपी) ने लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को हिरासत से रिहा करने और उसे इस आधार पर रिहा करने के लिए अदालत में एक अर्जी दी कि वह उक्त मामले में शामिल नहीं था और अपराध के समय मौजूद नहीं था.

अजनाला की उपसंभागीय न्यायिक मजिस्ट्रेट मनप्रीत कौर ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि जांच अधिकारी को आरोपी की न्यायिक हिरासत की जरूरत नहीं है, इसलिए लवप्रीत सिंह को हिरासत से छोड़ा जाता है और रिहा किया जाता है. उन्होंने कहा कि संबंधित थाना प्रभारी को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया जाता है. इस संबंध में आवश्यक सूचना जेल अधीक्षक, अमृतसर को भेजी जाए.

अजनाला में पत्रकारों से बातचीत में अमृतपाल सिंह ने अपने सहयोगी की रिहाई को पंथ की जीत करार दिया. अमृतपाल को अक्सर खालिस्तान समर्थक के रूप में बताया जाता है और वह 'वारिस पंजाब दे' नामक एक संगठन का प्रमुख है. अमृतपाल ने कहा कि उसे (लवप्रीत) झूठे मामले में जेल में डाल दिया गया था. अमृतपाल सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना किसी उकसावे के गुरुवार को उसके कुछ समर्थकों के खिलाफ बल प्रयोग किया.

उसने कहा कि कल जो स्थिति बनी वह टल सकती थी, अगर पुलिस ने हमारी बात सुनी होती. जो हालात बने वे मैंने नहीं बनाए. प्रशासन ने पहले समय मांगा था, हमने उन्हें बुधवार तक का समय दिया. हम गुरवार को यहां आए. अमृतपाल ने कहा कि हमने लवप्रीत और अपनी बेगुनाही से संबंधित पर्याप्त सबूत दिए हैं. अमृतपाल के नेतृत्व में वाहनों का एक लंबा काफिला लवप्रीत सिंह की अगवानी के लिए अजनाला शहर से केंद्रीय कारागार, अमृतसर की ओर गया और उसके बाद वे स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के लिए जाएंगे.

आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 (अपहरण), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), 148 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी जमावड़ा) सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. अमृतपाल सिंह ने गुरुवार को अपने समर्थक तूफान सिंह की रिहाई के लिए अल्टीमेटम जारी किया था. अमृतपाल के समर्थकों ने बैरिकेड तोड़ दिए और यहां थाना परिसर में गुरुवार को हंगामा किया.

इस दौरान कुछ समर्थकों के हाथों में हथियार थे. समर्थक मांग कर रहे थे कि लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को रिहा किया जाए. अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि झड़प के दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गये. गुरुवार को बड़ी संख्या में पुलिस बल निगरानी करता रहा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि उपदेशक और अन्य प्रदर्शनकारी घंटों तक अजनाला पुलिस थाने में डटे रहे. अमृतसर पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि गुरुवार की हिंसा को लेकर अमृतपाल सिंह या उसके समर्थकों के खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया है या नहीं.

पढ़ें: Waris Punjab De : जानें, कौन है दीप सिद्धू के संगठन को 'हाईजैक' कर खालिस्तान का प्रचार कर रहा अमृतपाल

घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक थाना में 'अमृत संचार' (सिख समारोह) आयोजित करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति ले जाने वाला एक वाहन भी लाए थे. 'वारिस पंजाब दे' संगठन की स्थापना अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी, जिनकी पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

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