बेंगलुरू : अगर किसी की नजरें कमजोर हों तो यह कहा जाता है कि वह निशाना नहीं लगा सकता है. खेलकूद की दुनिया में यह बात सही मानी गई हो मगर पढ़ाई-लिखाई के क्षेत्र में यह कहावत बेमानी है. जी हां यह साबित कर दिया है. कर्नाटक के पेरियापटना तालुक के कुडुपुरु गांव की के टी मेघना ने. मेघना के पास आंखें हैं, मगर वह अपनी देखने की शक्ति यानी दृष्टि गंवा चुकी है. मगर नेत्रहीन मेघना ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम में 425 रैंकिंग हासिल कर अपने लक्ष्य पर निशाना पक्का कर लिया.
![blind candidate Meghana gets 425th rank](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/kn-mys-04-upsc-exma-vis-ka10003_30052022180615_3005f_1653914175_387_3005newsroom_1653923904_882.jpg)
तांडव मूर्ति और नवनीता की बेटी मेघना ने 2020 के यूपीएससी एग्जाम में 465वी रैकिंग हासिल की थी. मगर उनका मन नहीं भरा. वह दोबारा एग्जाम में शामिल हुईं, इस पर उन्हें 425वीं रैकिंग मिली. इसके अलावा 2015 में ही मेघना ने कर्नाटक सर्विस पब्लिक कमीशन में 11वी रैंक हासिल की थी. फिलहाल वह बेंगलुरू के ट्रेजरी डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं. मेघना ने बताया कि उन्होंने 10वीं क्लास में ही अपनी आंखों की 70 फीसदी रोशनी खो दी थी. इसके बाद से उनकी नजर और कमजोर होती गई. इसके बावजूद मेघना ने साबित कर दिया कि उपलब्धियों के सामने समस्याएं बौनी हो जाती है. उन्होंने 10वीं के बाद बेंगलुरू में शिक्षा पूरी की. आज बेटी की इस उपलब्धि से माता-पिता और परिवार के लोग खुश हैं.
बता दें कि यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम 2021 के नतीजों में कर्नाटक के 20 उम्मीदवारों ने अपना स्थान पक्का किया है. इनसाइट्स आईएएस अकैडमी के 20 कैंडिडेट यूपीएससी एग्जाम में चयनित हुए हैं. अक्का अकैडमी के के 6 छात्रों को इस बार सफलता मिली है.
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