वाराणसी : ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ धाम के बीच जमीन की हुई अदला-बदली में अब एक नया मोड़ सामने आ गया है. मुस्लिम पक्ष द्वारा 17 सौ वर्ग फीट जमीन प्रशासन की पहल पर विश्वनाथ कॉरिडोर को देने के बाद लार्ड विश्वेश्वरनाथ (स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर) के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने सवाल खड़े कर दिए हैं.
ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि जो जमीन अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के अधिकार क्षेत्र में नहीं था और न कभी रहा है. यह जमीन न ही वक्फ की रही है. जबकि इस जमीन को मुस्लिम पक्ष ने अपना मानते हुए विश्वनाथ मंदिर न्यास को दे दिया और रजिस्टर्ड डीड न्यास ने ले लिया. इसके बदले 1000 स्क्वायर फीट जमीन मुस्लिम पक्ष को बांसफाटक पर दे दिया है. उन्होंने कहा कि यह सब अवैध है. इस प्रक्रिया के विरुद्ध हम कोर्ट जाएंगे.
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उन्होंने कहा कि जमीन वक्फ बोर्ड की नहीं थी, तब वह 1993 में लीज पर कैसे दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि तथ्य को छिपाकर विश्वनाथ मंदिर न्यास ने जमीन लिया है. हम लोगों को कोई जानकारी नही थी. हिंदू पक्ष से तो विश्वनाथ मंदिर न्यास ने मौखिक ही अनुमति पर जमीन ले लिया था. कहा गया था कि इस जमीन पर सिक्योरिटी रूम बनाएंगे और कोई आपत्ति न कीजिये, जिस पर हम राजी हो गए थे. विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि ये सारे कार्य अनधिकृत हुआ है. इसको हम कोर्ट में चैलेंज करेंगे.
बता दें कि शुक्रवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया था कि हमारे पास 3 प्लॉट है. एक 9131 प्लॉट नंबर, जिस पर मस्जिद है, दूसरा 8263 जो कॉमन पैसेज था. तीसरा 8276 प्लॉट नंबर पर कंट्रोल रूम बना हुआ था. 1993 में इसे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जिला प्रशासन को मंदिर, मस्जिद की सिक्योरिटी के लिए दिया था. इस पर कंट्रोल रूम बनाया गया था. अब इसी 1700 वर्ग फीट के प्लॉट को प्रशासन को दिया गया है. प्रशासन ने इसके बदले में हमें 1000 स्क्वायर फीट का एक प्लॉट कॉरिडोर से बाहर दिया गया है. यासीन का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद विवाद प्रकरण से इसका लेना-देना नहीं है.