मुंबई : महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के रूस भाग जाने की खबरों का संज्ञान लेते हुए सरकार ने उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ मिलकर सरकार परमबीर सिंह को खोजने की कोशिश में जुटी है.
गृह मंत्री पाटिल ने कहा कि उन्होंने सुना है कि परमबीर सिंह रूस भागने की ताक में हैं, लेकिन एक सरकारी अधिकारी के रूप में, वह सरकार की मंजूरी के बिना विदेश नहीं जा सकेंगे. अगर फिर भी किसी तरीके से वह भागने में कामयाब रहे, तो यह अच्छा नहीं है.
वहीं, पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और परमबीर सिंह के लापता होने के मुद्दे पर महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य सरकार को दोनों के सटीक ठिकाने की जानकारी नहीं है.
बता दें, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा अनिल देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है. परमबीर सिंह पर उनके विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों की महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कर रही है.
विगत मार्च महीने में महाराष्ट्र में उस समय हड़कंप मच गया था, जब मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि सचिन वाजे को अनिल देशमुख ने वसूली के लिए कहा था. इस घटनाक्रम को मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन के साथ बरामद हुई एसयूवी और मनसुख हिरेन की मौत के मामले से जुड़ी अहम कड़ी माना गया.
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हालांकि, महाराष्ट्र सरकार के अनुसार परमबीर सिंह का पत्र 20 मार्च की शाम 4:37 बजे एक अलग ईमेल के जरिए प्राप्त हुआ. उनके आधिकारिक अकांउट से मेल नहीं आया है. पत्र पर उनके हस्ताक्षर भी नहीं हैं. नए ईमेल पते की जांच करने की आवश्यकता है. इसलिए गृह मंत्रालय उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है.
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परमबीर के पत्र पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री देखमुख ने सफाई दी है. उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. देशमुख ने कहा है कि परमबीर के खिलाफ वे मानहानी की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं.
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देशमुख ने कहा कि एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन केस में सचिन वाजे के सीधे लिंक सामने आ रहे हैं. परमबीर ने खुद को कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए यह झूठे आरोप लगाए हैं.
यह भी दिलचस्प है कि परमबीर सिंह अपने दावों के समर्थन में हाईकोर्ट भी पहुंचे थे. उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की थी. अप्रैल के पहले सप्ताह में परमबीर सिंह की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश पारित किया था. इसके बाद मई महीने में मुंबई के पुलिस अधिकारी भीमराज रोहिदास घाडगे ने पूर्व पुलिस आयुक्त, परमबीर सिंह की उस याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की, जिसमें परमबीर के खिलाफ दर्ज मामलों को महाराष्ट्र से किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित करने की अपील की गई है.
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घडगे ने शीर्ष अदालत से कहा कि हालांकि परमबीर सिंह खुद को एक ईमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में पेश कर रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ तथ्य उनकी एक अलग ही तस्वीर पेश करते हैं और जब बॉम्बे हाई कोर्ट उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रही है तो उनके खिलाफ दर्ज केस को दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की कोई वजह नहीं है.
उद्योगपति अंबानी के घर के बाहर से विस्फोटक मिलने के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में मची हलचल के बीच गत अप्रैल माह में महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे.
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जांच का उद्देश्य अंबानी के घर के बाहर से मिली विस्फोटक से लदी कार के मामले में सिंह की ओर से की गई लापरवाही का पता लगाना है. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय पांडे को जांच का निर्देश दिया गया है. पांडे को महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि सिंह के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 20 मार्च के पत्र के कारण राज्य सरकार की छवि खराब हुई है.
गौरतलब है कि परमबीर सिंह के विवादों में घिरने के बाद उनके स्थान पर आईपीएस हेमंत नागराले को मुंबई पुलिस कमिश्नर बनाया गया. मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का स्थानांतरण होमगार्ड में किया गया. इसके बाद विगत 22 मार्च को परमबीर सिंह ने अपने तबादले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने उच्चतम न्यायालय का रुख कर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के कथित कदाचार की सीबीआई से 'पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र' जांच कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था.
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गत 28 जून को यह खबर सामने आई थी कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त और राज्य होमगार्ड के प्रमुख परमबीर सिंह दो महीने की छुट्टी पर चले गए हैं. वहीं, एक अस्पताल द्वारा जारी प्रमाण पत्र में कहा गया है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है. परमबीर सिंह राज्य होमगार्ड का कार्यभार संभालने के बाद से विगत पांच मई से कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए.
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परमबीर के विवादों में घिरने के बाद उनकी पत्नी का नाम एक कॉर्पोरेट प्लेयर के तौर पर सामने आया है, जिससे घटनाक्रम एक नया मोड़ ले रहा है. उनकी पत्नी क्या करती हैं, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, मगर यह स्पष्ट है कि 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह और उनकी पत्नी सविता एक शक्तिशाली युगल (powerful couple) हैं.
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सविता परमबीर सिंह इंडियाबुल्स समूह की दो कंपनियों सहित आधा दर्जन से अधिक अग्रणी कंपनियों में एक निदेशक हैं. सविता सिंह मुंबई कार्यालय में रियल एस्टेट प्रैक्टिस ग्रुप में वकील, खेतान एंड कंपनी के साथ एक भागीदार (पार्टनर) हैं.
प्रोफाइल बायो के अनुसार सविता ग्राहकों को जटिल रियल एस्टेट लेनदेन और इससे उत्पन्न होने वाले विवादों की सलाह देती हैं. मानक (अचल संपत्ति) लेनदेन संबंधी दस्तावेज के अलावा, वह न्यास विलेख (trust deed), रिलीज डीड, गिफ्ट डीड और शीर्षक (titles) आदि पर सलाह देने का काम करती हैं.