नई दिल्ली : संसद में बजट सत्र का आज सातवां दिन (lok sabha day seven) है. लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान सरकार से कई अहम सवाल पूछे गए. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा बजट में कटौती (MNREGA budget cut issue) के सवाल पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मनरेगा एक मांग आधारित योजना है. इसमें राज्यों का आवंटन निश्चित नहीं किया जाता. इस योजना के लिए जितनी भी डिमांड होगी भारत सरकार उसे पूरा करेगी. बता दें कि तमिलनाडु से वीसीके चिदंबरम संसदीय सीट से निर्वाचित सांसद तिरुमा वलावन थोल ने पूछा था कि केंद्र सरकार मनरेगा बजट में कटौती क्यों कर रही है?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा बजट 2014 के पहले और 2014 के बाद को आधार बनाकर सदन के सामने अपना जवाब रखा. इस आरोप का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि 2013-14 में मनरेगा का बजट 33 हजार करोड़ रुपए का था. उस समय 1660 करोड़ श्रम दिवस हुआ था. लेकिन हमारी सरकार में 2098 करोड़ श्रम दिवस हुए. 2 लाख 13 हजार 320 करोड़ का बजट UPA सरकार के दौरान (2014 के पहले) जारी किए गए. लेकिन मोदी सरकार में 4 लाख 99 हजार 9 सौ 21 करोड़ का मनरेगा बजट किया गया है. मनरेगा के तहत किए गए कामों की तुलना करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि 2014 के पहले 153 लाख काम पूरा किया गया. जबकि उनकी सरकार में 529 लाख कार्य को पूरा किया है.
'महात्मा गांधी नरेगा योजना एक मांग आधारित योजना है. इस बात को पूरा सदन जानता है. राज्यों का आवंटन निश्चित नहीं किया जाता है. साल 2020-21 में बजट को रिवाइज कर 61 हजार 500 करोड़ से बढ़ाकर 1 लाख 11 हजार 500 करोड़ हुआ. उसी तरह वित्त वर्ष 2021-22 में 73 हजार करोड़ बजट आवंटित था. लेकिन डिमांड के अनुसार रिवाइज स्टीमेट के अनुसार मौजूदा समय तक 98 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए जा चुके हैं. आगे भी डिमांड जितना होगा भारत सरकार उसे पूरा करेगी. इसलिए ये बजट में कटौती नहीं है'
-गिरिराज सिंह, केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री
गौरतलब है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम मनरेगा देश में ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार व आजीविका प्रदान करती है. इसका उद्देश्य वित्तीय वर्ष में 100 दिन रोजगार प्रदान करना है. यह दुनिया की एकमात्र ऐसी योजना है जो रोजगार की गारंटी देती है. नौकरी नहीं मिलने की स्थिती में लाभार्थी बेरोजगारी भत्ते का दावा कर सकते हैं.
टेस्ला के भारत में कारोबार (tesla in india) करने पर कांग्रेस सांसद सुरेश कोडिकुन्नील ने सवाल पूछा. संसद में मोदी सरकार से पूछे गए इस सवाल पर केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल ने दो टूक लहजे में कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के तहत अगर कोई कंपनी भारत के बाजार का प्रयोग करना चाहती है, तो स्थानीय लोगों को रोजगार भी देना होगा. ऐसा नहीं चलेगा कि सेंटर भारत में हो और रोजगार चीन को दिया जाए.
केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल ने बताया कि ई-व्हीकल के संबंध में गोवा में राउंड टेबल वार्ता हुई थी, जिसमें वे खुद मौजूद थे. प्रमुख उद्योग प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इस मौके पर सबने एक स्वर में कहा, सरकार को जो करना था, किया जा चुका है; अब करने की बारी उद्योगों की है. केंद्रीय राज्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार की नीति स्पष्ट है कि अगर भारत में केंद्र स्थापित कर कारोबार करना है तो यहां के लोगों को रोजगार भी देना होगा.
भारत में टेस्ला को संयंत्र स्थापित करने का ऑफर देते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत में टेस्टा का सेंटर बनने पर यहां के लोगों को रोजगार भी देना पड़ेगा. पावर और इंडस्ट्री मंत्रालय में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल ने शिवसेना सांसद विनायक राउत के एक सवाल के जवाब में यह बात कही.
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प्रश्नकाल के बाद लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद की ओर से अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्डकप जीतने वाली भारतीय टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि संसद भारतीय टीम को बधाई देती है और आशा करती है कि भविष्य में भी ऐसी और उपलब्धियों से टीम देश को गौरवान्वित करेगी. इससे पहले राज्य सभा में भी अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्डकप जीतने वाली टीम को बधाई दी गई.