नई दिल्ली : संसद ने बुधवार को 'नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2021' को मंजूरी दे दी.
लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया. गत 30 जुलाई को राज्यसभा ने इस विधेयक को मंजूरी प्रदान की थी.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने निचले सदन में विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए कहा कि नारियल विकास बोर्ड देश की बड़ी संस्था है. आज जरूरत है कि नारियल की खेती को और विकसित किया जाए तथा इसके विपणन की व्यवस्था को बेहतर किया जाए.
उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के बाद नारियल की खेती में आमूल-चूल परिवर्तन होगा तथा नारियल की खेती करने वाले किसान देश के विकास में अधिक योगदान दे पाएंगे.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने हंगामे के बीच और बिना चर्चा के विधेयक पारित कराने का विरोध किया.
उन्होंने कहा, बिना चर्चा के विधेयक को पारित कराना इस सरकार के लिए सामान्य बात हो गई है. हम चाहते हैं कि चर्चा हो, इसके लिए सरकार तैयार हो. पहले पेगासस मामले पर चर्चा हो.
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संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने चौधरी की बात का प्रतिवाद करते हुए कहा कि सरकार चर्चा चाहती है, इसलिए ही कोविड और किसानों के मुद्दों पर चर्चा को कार्यसूची में शामिल किया गया है.
सदन में हंगामे के बीच ही नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2021 विधेयक को ध्वनिमत मत से मंजूरी दी गई.
पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नारियल विकास बोर्ड अधिनियम, 1979 में संशोधन को मंजूरी दी थी.
उस वक्त जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया था कि इस संशोधन में नारियल विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद को गैर-कार्यकारी बनाने का प्रस्ताव है.