धर्मशाला : निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति डॉ. लोबसांग सांग्ये ने शुक्रवार को पारंपरिक तिब्बती नववर्ष लोसार की बधाई दी है. डॉ. लोबसांग सांग्ये ने कहा कि चीनी सरकार ने तिब्बत में तिब्बतियों पर अपना नियंत्रण तेज कर दिया है, इसलिए जब तक तिब्बत की आजादी का मसला हल नहीं हो जाता, तब तक हम सभी को अपनी एकजुटता और तिब्बत मुद्दे को बढ़ावा देने के लिए वचनबद्ध होना चाहिए.
तिब्बत की स्थिति गंभीर
निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति डॉ. लोवसांग सांग्ये ने कहा, तिब्बत के अंदर की स्थिति गंभीर बनी हुई है. यद्यपि हम भाषा कार्यकर्ता ताशी वांगचुक की हालिया रिहाई की खबर का स्वागत करते हैं. सांग्ये ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उन पर गलत तरीके से आरोप लगाए गए और गलत तरीके से पांच साल के कारावास की सजा सुनाई गई. इसी तरह 19 वर्षीय भिक्षु तेनजिन न्यिमा का मामला, जिन्होंने तिब्बती नीति और समर्थन अधिनियम 2020 के बाद चीनी अधिकारियों की गंभीर पिटाई और यातना के चलते दम तोड़ दिया था.
पढ़ें - हैदराबाद में काफी पुराना है महिला मेयर का इतिहास
आशा और न्याय का शक्तिशाली संदेश
उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से बनाए गए नए कानून के तहत तिब्बत के अंदर तिब्बती के लिए आशा और न्याय का एक शक्तिशाली संदेश भेजता है. धार्मिक स्वतंत्रता, पुनर्जन्म प्रणाली, पर्यावरण संरक्षण और निर्वासन में तिब्बती लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए अमेरिकी समर्थन को मजबूत करता है. विशेष रूप से केंद्रीय तिब्बती प्रशासन और सिक्योंग को वैध संस्था के रूप में स्वीकार करता है. दुनिया भर में तिब्बती प्रवासी लोगों का प्रतिनिधि तिब्बत के मुद्दे के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
प्रारंभिक चुनाव में लगभग 77 प्रतिशत मतदान
डॉ. लोवसंग सांग्ये ने कहा कि वे दुनियाभर के तिब्बतियों से भी आग्रह करते हैं कि वे चुनाव में सिक्योंग और संसद के उम्मीदवारों के लिए स्वच्छ और निष्पक्ष रूप से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. प्रारंभिक चुनाव में लगभग 77 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया, जो अब तक की सबसे अधिक मतदान दर है.