श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम की 12 वर्षीय खानाबदोश लड़की अपने पालतू खरगोश की मदद से अपने परिवार की आजीविका चलाती है. 5वीं कक्षा की छात्रा मुमताज को पढ़ने और खेलने की उम्र में आय का जरिया ढूंढना पड़ा. अपने परिवार के बेहतर जीवन के लिए, मुमताज ने पर्यटकों के साथ फोटो लेने के लिए दो खरगोश पाल रखें हैं.
यहां आने वाले पर्यटक मुमताज के खरगोश के साथ तस्वीर खिंचवाते हैं. मुमताज हर तस्वीर के लिए 10 रुपये लेती हैं, जिससे उनके परिवार की आजीविका चलती है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए मुमताज ने कहा कि वह पढ़ाई करना चाहती हैं और डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहती हैं, लेकिन गरीबी के कारण वह शैक्षिक अवसरों से वंचित हो रही हैं.
मुमताज ने बताया कि उनके पिता श्रमिक थे और अच्छी तरह से परिवार की जरूरतों को पूरा कर रहे थे. लेकिन दुर्भाग्य से, पिछले सात वर्षों से खराब स्वास्थ्य के कारण वह काम नहीं कर पा रहे हैं. जिसके कारण, मुमताज को पढ़ने और खेलने की उम्र में परिवार की आजीविका के लिए कमाने की सोचना पड़ा.
मुमताज के दो छोटे भाई और चार बहनें हैं. मुमताज परिवार की सबसे बड़ी बेटी हैं और पहलगाम के एक सरकारी मिडिल स्कूल में पढ़ती हैं. मुमताज के पिता अब्दुल मजीद अवाना कई सालों से टीबी (क्षय रोग) से पीड़ित हैं.
मुमताजा प्रतिदिन 200 रुपये कमाती हैं, लेकिन उनका कहना है कि यह इतना आसान भी नहीं है. मुमताज पूरे दिन अपने पालतू खरगोश के साथ संभावित पर्यटकों की तलाश में पहलगाम पार्क के चारों ओर दौड़ती हैं, तब जाकर वह किसी तरह 200 रुपये कमा पाती हैं.
पढ़ें- रूहानी सिस्टर्स ने 'लोकरंग' उत्सव में बांधा सूफियाना समा
12 वर्षीय मुमताज, अपने परिवार के लिए घर बनाने के लिए और अधिक पैसा कमाना चाहती हैं. क्योंकि मुमताज अपने परिवार के साथ पहलगाम में कच्चे मकान में रहती हैं.
मुमताज ने कहा, मेरा जीवन संघर्षों से भरा है और यह मेरे जीवन का हिस्सा बन गया है. खरगोश ही मेरी आय का एकमात्र साधन हैं. इससे हमारे परिवार को भरण-पोषण होता है.
मुमताज की छोटी बहन रजिया पुलिस अफसर बनना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास आय की जरिया सीमित है, इस यह सपना जैसा लगता है.