तिरुवनंतपुरम : केरल की एक अदालत ने मंगलवार को कोवलम से 2018 में लापता हुई लिथुआनियाई महिला पर्यटक के बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराए गए दो लोगों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने दोनों को जीवन भर सलाखों के पीछे रहने का निर्देश दिया. लोक अभियोजक (एसपीपी) जी मोहनराज ने अदालत के बाहर संवाददाताओं को बताया कि तिरुवनंतपुरम सत्र अदालत ने दो दोषियों उमेश और उदयन को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और धारा 376ए (बलात्कार की वजह से मौत या महिला का लगातार कोमा में रहना) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
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एसपीपी ने बताया कि धारा 376ए के तहत अपराध के लिए, अदालत ने दोषियों को अपने शेष जीवन के लिए जेल में रहने का आदेश दिया है और साथ ही कहा है कि दोषियों को कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए. एसपीपी ने कहा कि इसके अलावा, अदालत ने आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) के तहत अपराध के लिए दोनों को 10 साल और आईपीसी की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार) के तहत 20 साल की सजा भी सुनाई. अदालत ने दोनों पर अलग-अलग 1.6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
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उन्होंने संवाददाताओं को यह भी बताया कि अदालत ने निर्देश दिया है कि जुर्माने का एक हिस्सा पीड़िता की बहन को दिया जाए और साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को जांच करने और पीड़ित मुआवजा योजना के तहत मुआवजा प्रदान करने के लिए कहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं है. अदालत ने 33 वर्षीय लिथुआनियाई पर्यटक के बलात्कार और हत्या के लिए दो दिसंबर को दोनों को दोषी ठहराया था, जो 14 मार्च, 2018 को कोवलम से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई थी.
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सजा पर दलीलें सोमवार को सुनी गईं जब अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए मामले में अधिकतम सजा की मांग की कि पीड़िता एक विदेशी नागरिक थी, जिसकी हत्या की गई थी. दोनों दोषियों ने अपनी उम्र को देखते हुए कम सजा की अपील की थी. परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तों को दोषी पाया गया. दोनों पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 376 (बलात्कार) और स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 20 (बी) के तहत आरोप लगाए गए.
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