जयपुर. छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में भाजपा सरकार मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रही है. दोपहर 3:15 बजे के बाद भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र की मौजूदगी में मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शुक्रवार को ही देर रात दिल्ली से लौट आए हैं. शर्मा ने दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर मंत्रिमंडल विस्तार की सूची तैयार कर ली है. छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार को देखें तो राजस्थान में भी 25 विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, जिसमें 15 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. 10 राज्य मंत्रियों में से 5 को स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है.
दिल्ली से जयपुर लौटे भजनलाल : बता दें कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शुक्रवार देर रात दिल्ली से जयपुर लौट आए. दिल्ली में मौसम खराब होने से शर्मा सड़क मार्ग से दिल्ली से जयपुर पहुंचे. दिल्ली में शुक्रवार रात सीएम ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में मंत्रिमंडल लिस्ट में शामिल सभी नामों को हरी झंडी मिल गई है. शनिवार सुबह राजभवन पहुंच कर सीएम भजनलाल शर्मा यह लिस्ट राज्यपाल कलराज मिश्र को सौंपेंगे. शुक्रवार रात को ही बीजेपी ने सभी विधायकों को जयपुर पहुंचने का मैसेज कर दिया था. वहीं, मंत्री बनने की दौड़ में शामिल झोटवाड़ा विधायक कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने भी शुक्रवार रात को बीजेपी कार्यालय में संगठन महामंत्री चंद्रशेखर से मुलाकात की. राठौड़ और चंद्र शेखर की इस मुलाकात के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
जातीय, क्षेत्रीय और युवा चेहरों पर फोकस : छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब राजस्थान में भी माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ये विस्तार किया जा जाएगा. मंत्रिमंडल में सीएम भजनलाल क्षेत्रीय और जाति संतुलन बैठाने की पूरी कोशिश करेंगे. माना जा रहा है कि अनुभवी चेहरों के साथ युवा चेहरों पर फोकस किया जाएगा. इसके साथ ही मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों में जातिगत और क्षेत्रीय आधार पर भी गौर किया जा सकता है. ऐसे में आदिवासी, दलित और सवर्ण के साथ ही महिला और पिछड़ों को भी तवज्जो मिल सकती है. इनमें आदिवासी चेहरों में पूर्वी राजस्थान से डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा, वागड़ से फूलसिंह मीणा और एक युवा नेता के तौर पर हाड़ौती से ललित मीणा को भी मंत्रीपद की रेस में आगे माना जा सकता है.
इसी तरह दलित चेहरों में जोगेश्वर गर्ग, मदन दिलावर, डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, जितेन्द्र गोठवाल और एक महिला और स्वच्छ छवि के कारण अनिता भदेल या मंजू बाघमार में से किसी एक को मौका मिल सकता है. वहीं, राजपूत चेहरों में पुष्पेंद्र सिंह राणावत और गजेंद्र सिंह खींवसर को फ्लोर मैनेजमेंट का मौका दिया जा सकता है. इसके अतिरिक्त इस रेस में सिद्धि कुमारी और हमीर सिंह भायल मंत्रीपद की दौड़ में हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह और पहली बार विधायक बन कर आए आयुष्मान सिंह को मौका दिया जा सकता है. ब्राह्मण मुख्यमंत्री के बाद अब कोटा से आने वाले विधायक संदीप शर्मा को भी मौका मिल सकता है. वहीं, शत्रुघ्न गौतम जिन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता रघु शर्मा को हराया, उन्हें भी मंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा देवेन्द्र जोशी और गोपाल लाल शर्मा के भी नाम सामने आ रहे हैं.
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धार्मिक, पिछड़ा वर्ग और युवाओं में ये दावेदार : उधर, चार धार्मिक नेताओं में से इस रेस में बाबा बालकनाथ और महंत प्रतापपुरी को मंत्रीपद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है. महिला और युवा चेहरों में दीप्ति किरण माहेश्वरी और नौक्षम चौधरी को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है. पिछड़े वर्ग के नेताओं में जाट चेहरे के रूप में झाबर सिंह खर्रा और अजय सिंह किलक में से एक को पूर्व मंत्री के अनुभव के लिहाज से चुना जा सकता है. बीकानेर संभाग से सुमित गोदारा या संजीव बेनीवाल में से एक को मंत्री बनाया जा सकता है.
इसी तरह कन्हैयालाल चौधरी, शैलेश सिंह, जवाहर सिंह बेडम में से एक को मौका मिल सकता है. अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों में मेवाड़ से जीते एक मात्र गुर्जर और पहली बार के विधायक उदयलाल भड़ाना और हंसराज पटेल को भी मौका दिया जा सकता है. अन्य जातियों में माली समाज से आने वाले अविनाश गहलोत, बिश्नोई समाज से पब्बाराम और कलवी समाज से जोगाराम पटेल या पचपदरा से जीतकर आए अरुण चौधरी को अवसर मिल सकता है. इसी तरह धाकड़ समाज से हीरालाल नागर को भी मंत्रीपद के लिए मजबूत माना जा रहा है.