हैदराबाद : शुक्रवार 26 मार्च को मुंबई के भांडुप इलाके में एक अस्पताल में आग लग गई जो कि एक मॉल की बिल्डिंग में था. सनराइज अस्पताल 5 मंजिला मॉल के तीसरे मंजिल पर था. बताया गया कि जब आग लगी उस वक्त अस्पताल में 70 से ज्यादा मरीज मौजूद थे जिनमें कोरोना के मरीज भी शामिल थे. इस अग्निकांड में कोविड-19 के 11 मरीजों की जान चली गई. इस आग पर काबू पाने में फायर फाइटर्स को 12 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लग गया था. गनीमत रही की वक्त रहते बाकी मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया था.
वैसे मुंबई की ऊंची-ऊंची इमारतों में आगजनी की घटनाएं लगातार होती रहती हैं. कई बार हादसा तो कई बार लापरवाही इसकी वजह बनती है. बीते वक्त पर नजर डालें तो मुंबई में ऐसे हादसों की फेहरिस्त बहुत लंबी है.
23 अक्टूबर 2020- मुंबई के नागपाड़ा इलाके में सिटी सेंटर मॉल में आग लगी. जिसपर काबू पाने में दमकल कर्मियों को 56 घंटे का वक्त लग गया. इस अभियान में 14 फायर इंजन और 17 बड़े टैंकरों का इस्तेमाल हुआ. आग बुझआने के दौरान 5 दमकल कर्मी घायल भी हो गए थे. इस आगजनी के दौरान एहतियातन पड़ोस की आवासीय कालोनी से 3500 लोगों को हटाया गया था.
26 अगस्त 2020- मुंबई के वर्ली इलाके में 15 मंजिला इमारत में आग लगी. 10वीं मंजिल पर देर रात लगी आग पर फायर ब्रिगेड ने काबू पाया. इस दौरान 10 लोगों को सुरक्षित निकाला गया.
17 फरवरी 2020- मुंबई के मझगांव में स्थित जीएसटी भवन में आग लग गई थी. फायर ब्रिगेड की 15 गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत के बाद बुझाई आग. जिस वक्त आग लगी इमारत में करीब 1000 लोग मौजूद थे. आस-पास के लोगों की मदद से इमारत में मौजूद लोगों को बाहर निकाला गया. आग इतनी भयंकर थी कि आसमान में काले धुएं का गुबार छा गया.
22 दिसंबर 2019- मुंबई के विले पारले की एक रिहायशी इलाके की लाभ श्रीवाली बिल्डिंग में आग लग गई. बिल्डिंग की 7वीं और 8वीं मंजिल पर आग लगी थी जहां फंसे 5 लोगों को दमकल कर्मियों ने बचाया और 2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया.
27 दिसंबर 2018- तिलक नगर इलाके में सरगम सोसायटी की 14वीं मंजिल में भीषण आग लग गई. जिसमें 4 बुजर्गों समेत 5 लोगों की मौत हो गई. 16 मंजिला भवन में लगई इस आग को बुझाने में फायर ब्रिगेड को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी
22 अगस्त 2018- परेल इलाके में हिंदमाता सिनेमा के पास क्रिस्टल टावर की 16वीं मंजिल में लगी आग. जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. आग पर काबू पाने में दमकल की 10 गाड़ियों को घंटों लग गए.
27 मई 2018- गोरेगांव स्थित टेक्नीप्लस इमारत में आग लगने से 5 लोगों की मौत, 9 लोग घायल हुए. घायलों में 8 फायरकर्मी थे. बिल्डिंग की 7वीं और 8वीं मंजिल में आग लगी थी. पुलिस के मुताबिक शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी. आग लगने के बाद 100 से ज्यादा मजदूरों का रेस्क्यू भी किया गया.
4 जनवरी 2018- अंधेरी के मरोल इलाके की मैमून इमारत में लगी आग. अग्निकांड में एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत, 5 घायल हुए. मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल थे.
28 दिसंबर 2017- कमला मिल कंपाउंड के एक रेस्टोरेंट में लगी आग. जिसमें 14 लोगों की मौत हुई थी और करीब 20 लोग घायल हुए थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सभी की मौत दम घुटने की वजह से हुई थी. मृतकों में 11 महिलाएं थी. रेस्टोरेंट में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की आशंका जताई गई थी.
18 दिसंबर 2017- साकी नाका में एक मिठाई की दुकान में आग लग गई. जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई. आग लगने के बाद दुकान का ढांचा ढह गया जिसके कारण अंदर काम कर रहे लोग फंस गए. वहां फंसे 12 लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
7 जून 2015- पवई में 21 मंजिला इमारत की 14वीं और 15वीं मंजिल पर लगी आग. 7 लोगों की हुई थी मौत. 22 लोग बुरी तरह झुलस गए थे. फायर ब्रिगेड की 15 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया था.
ये उन गिने चुने हादसों की फेहरिस्त है. जिनमें ऊंची-ऊंची इमारतों में आगजनी के कारण कई लोगों ने जान गंवाई. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आगजनी के मामले लगभग रोज सामने आते हैं. जिनसे जान और माल दोनों का नुकसान होता है. आगजनी के इन हादसों को कम करने या रोकने के लिए प्रशासन से लेकर आम आदमी तक को सावधानी बरतनी होगी. गगनचुंबी इमारतों में आगजनी के बाद उस जगह रहने वाले लोगों के साथ-साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे फायर कर्मियों की भी जान पर जोखिम बना रहता है. फायरकर्मी अपनी जान हथेली पर लेकर आग पर काबू पाने का काम करते हैं.