दुर्गापुर: कोयला माफिया शेख अमीन और एक अन्य व्यक्ति शेख मजहर की 2016 में हुए हत्या का फैसला दुर्गापुर सब-डिवीजनल कोर्ट द्वारा सुनाया गया. मंगलवार को 8 विचाराधीन कैदियों को दोषी करार दिया गया और बुधवार को दुर्गापुर अनुमंडल सत्र न्यायालय (द्वितीय) के न्यायाधीश प्रियव्रत दत्ता ने 8 दोषियों को आजीवन कारावास का आदेश दिया. दोषियों में शेख सनिउल उर्फ सनाई, शेख शकीबुल, शेख कासिम, शेख नुरुल होदा, शेख जहांगीर, शेख जानीउल, बाबर अली और शेख शाहजहां शामिल हैं.
2016 में लौदोहा थाना क्षेत्र में कोयले के सौदे को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद ईद के दिन कोयला माफिया शेख अमीन की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अमीन को बचाने के प्रयास में कैलाशपुर गांव के शेख मजहर की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई. तीन दिन बाद दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई. उस घटना की जांच में दुर्गापुर के अलग-अलग जगहों से 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पिछले कुछ सालों से ये जेल में बंद थे.
मंगलवार को जब उन्हें दुर्गापुर अनुमंडलीय अदालत में पेश किया गया तो न्यायाधीश ने उन्हें दोषी पाया और आज उनकी सजा का ऐलान किया गया. फैसले की घोषणा के बाद कोर्ट परिसर में काफी गहमागहमी रही आरोपितों के परिजनों ने सरकारी वकील का घेराव करना शुरू कर दिया. स्थिति को संभालने के लिए भारी पुलिस बल और दुर्गापुर थाने का लड़ाकू बल वहां तैनात किया गया.
सरकारी वकील देबब्रत साय ने कहा कि एक समय कैलासपुर गांव पर माफियाओं का कब्जा था. मैं 2016 से इन कुख्यात अपराधियों को जेल में बंद करने के बाद न्याय की गुहार लगा रहा हूं. मुझे बहुत खुशी है कि आज कैलासपुर गांव में शांति लौट आई है." अपने ऊपर लगे गुस्से और रिश्वत के आरोपों पर देवव्रत साय ने कहा कि कोई भी मेरे खिलाफ कुछ भी कह सकता है लेकिन मैं एक सरकारी वकील के रूप में इस मामले में सफल रहा हूं."
दूसरी ओर, दोषियों के वकील सौमेन मित्रा ने कहा, "हम दुर्गापुर अनुमंडल अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे. देख रहा हूं कि इस मामले में कहां गलतियां हैं. मुझे सरकारी वकील को भुगतान करने के बारे में कुछ नहीं पता. इसलिए मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा.'
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