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भारत में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने से जीवन प्रत्याशा बढ़ी : मंडाविया

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं. भारत में जन्म के समय (पुरुष और महिला दोनों) जीवन प्रत्याशा (Life expectancy) 70.42 वर्ष है.

Union Health Minister Mansukh Mandaviya
मंडाविया
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Published : Jul 29, 2022, 7:47 PM IST

नई दिल्ली: भारत में जन्म के समय (पुरुष और महिला दोनों) जीवन प्रत्याशा (Life expectancy) 70.42 वर्ष है, जबकि नेपाल और बांग्लादेश के लिए यह क्रमश: 71.74 वर्ष और 73.57 वर्ष है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के नवीनतम अनुमानों का हवाला देते हुए ये जानकारी दी.

जन्म के समय जीवन प्रत्याशा जनसंख्या के समग्र मृत्यु दर को दर्शाती है. विभिन्न आयु वर्ग की मृत्यु दर के पैटर्न के बारे में भी इससे पता चलता है. मंडाविया ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, 'भारत विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधताओं वाला एक बड़ा देश है. किसी देश में स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति बुनियादी जनसांख्यिकीय संकेतकों के पैटर्न के माध्यम से दिखती हैं.'

मंडाविया ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रम की सफलता स्वतंत्रता के बाद से इस तरह के संकेतकों की प्रवृत्ति से और विशेष रूप से नई सहस्राब्दी के बाद से भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) के नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) के अनुमानों के आधार पर स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि देश की क्रूड जन्म दर (सीबीआर) 1951 में प्रति 1000 जनसंख्या पर 40.8 जन्म से घटकर 2020 में 19.5 जन्म हो गई है.

मंडाविया ने कहा, 'क्रूड मृत्यु दर (सीडीआर) जो 1951 में प्रति 1000 जनसंख्या पर 25.1 थी, 2001 में घटकर 8.4 पर आ गई जबकि 2020 में 6 पर ही सिमट गई है. यह दर्शाता है कि भारत ने 1951 के बाद से प्रति 1000 जनसंख्या पर लगभग 19 मौतों को रोका है.' भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) 1951 में प्रति महिला 6 बच्चों से घटकर 2001 में 3.1 और फिर 2019-21 में 2.0 हो गई, जो प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तर का संकेत देती है. मंडाविया ने कहा, ' देश में महिलाओं के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.'

पढ़ें- जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हुई, लेकिन कोविड-19 से स्वास्थ्य प्रगति को खतरा

नई दिल्ली: भारत में जन्म के समय (पुरुष और महिला दोनों) जीवन प्रत्याशा (Life expectancy) 70.42 वर्ष है, जबकि नेपाल और बांग्लादेश के लिए यह क्रमश: 71.74 वर्ष और 73.57 वर्ष है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के नवीनतम अनुमानों का हवाला देते हुए ये जानकारी दी.

जन्म के समय जीवन प्रत्याशा जनसंख्या के समग्र मृत्यु दर को दर्शाती है. विभिन्न आयु वर्ग की मृत्यु दर के पैटर्न के बारे में भी इससे पता चलता है. मंडाविया ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, 'भारत विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधताओं वाला एक बड़ा देश है. किसी देश में स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति बुनियादी जनसांख्यिकीय संकेतकों के पैटर्न के माध्यम से दिखती हैं.'

मंडाविया ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रम की सफलता स्वतंत्रता के बाद से इस तरह के संकेतकों की प्रवृत्ति से और विशेष रूप से नई सहस्राब्दी के बाद से भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) के नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) के अनुमानों के आधार पर स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि देश की क्रूड जन्म दर (सीबीआर) 1951 में प्रति 1000 जनसंख्या पर 40.8 जन्म से घटकर 2020 में 19.5 जन्म हो गई है.

मंडाविया ने कहा, 'क्रूड मृत्यु दर (सीडीआर) जो 1951 में प्रति 1000 जनसंख्या पर 25.1 थी, 2001 में घटकर 8.4 पर आ गई जबकि 2020 में 6 पर ही सिमट गई है. यह दर्शाता है कि भारत ने 1951 के बाद से प्रति 1000 जनसंख्या पर लगभग 19 मौतों को रोका है.' भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) 1951 में प्रति महिला 6 बच्चों से घटकर 2001 में 3.1 और फिर 2019-21 में 2.0 हो गई, जो प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तर का संकेत देती है. मंडाविया ने कहा, ' देश में महिलाओं के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.'

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