नई दिल्ली: पराली के जलाने से होने वाले प्रदूषण के रोकथाम के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा है. उन्होंने पराली जलाने के पर रोकथाम के लिए जरूरी उपाय करने को कहा है. प्रदूषण का दिल्ली की दो करोड़ जनता के साथ एनसीआर के लोगों पर भी बुरा असर पड़ रहा है.
उप राज्यपाल ने पत्र में कहा है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए वाहनों से निकलने वाले धुएं और फुटपाथ से उड़ने वाली धूल समेत अन्य समस्याओं पर काम किया जा रहा है.
बीते साल भी इस समस्या पर पत्र लिखा गया था इसके बावजूद भी पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 19 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. पिछले साल दिल्ली की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले 05 राज्यों में से पंजाब एकमात्र गैर-निष्पादनकारी राज्य रहा था.पत्र में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने का लिखा है कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली प्रदूषण की चपेट में आ रही है. पिछले साल हरियाणा ने अनुकरणीय प्रदर्शन किया था और समस्या को कम करने में मदद की थी. जो मुख्य रूप से पंजाब से निकलने वाले धुएं/धुंध के कारण उत्पन्न हुई थी .
उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय राजधानी के रूप में दिल्ली में संसद, सर्वोच्च न्यायालय और दुनिया का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राजनयिक मिशन भी हैं. यह लाखों आगंतुकों, पर्यटकों और वास्तव में शिखर सम्मेलनों और सम्मेलनों के लिए भारत आने वाले मेहमानों की मेजबानी करता है. वो भी बिना किसी गलती के. लेकिन वायु प्रदूषण से अन्य बातों के साथ-साथ देश की अंतरराष्ट्रीय छवि और प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ता है. उप राज्यपाल ने दोनों राज्य के मुख्यमंत्री से अपील की है कि सभी उपलब्ध संसाधनों को जुटाएं और पराली जलाने की समस्या का समाधान करें. राजधानी दिल्ली के साथ-साथ पूरे एनसीआर को प्रदूषण से राहत देने में मदद करें
ये भी पढें: World Water Monitoring Day : दूषित पानी से सालाना 3.7 करोड़ भारतीय होते हैं बीमार, 3360 करोड़ रु. का होता है नुकसान
ये भी पढें: World Habitat Day : जानिए क्यों मनाते हैं 'विश्व पर्यावास दिवस', क्या है थीम ?