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उपराज्यपाल की बुजुर्गों, धर्म गुरुओं से जम्मू-कश्मीर में शांति की अपील - शांति की अपील

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कश्मीर में धार्मिक नेताओं के मिलन समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समुदाय के बुजुर्गों और धार्मिक गुरुओं से नई पीढ़ी के बीच शांति और सद्भाव का संदेश फैलाने का आग्रह किया.

मनोज सिन्हा
मनोज सिन्हा
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Published : Mar 23, 2021, 8:37 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 9:51 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को समुदाय के बुजुर्गों और धार्मिक प्रमुखों से नई पीढ़ी के बीच शांति और सद्भाव का संदेश फैलाने का आग्रह किया. उपराज्यपाल ने कश्मीर में धार्मिक नेताओं के मिलन समारोह में बोलते यह अपील की. इस कार्यक्रम को श्रीनगर के SKICC में आयोजित किया गया था.

दिन भर चले इस आयोजन में मौलवियों और मुफ्तियों सहित लगभग 550 धार्मिक प्रमुखों ने भाग लिया. इसमें 200 से अधिक महिलाएं और 200 युवा शामिल थे.

प्रोग्राम में शेख मुजफ्फर, मुफ़्ती निसार अहमद, मौलाना मुजफ्फर, तारिक अहमद, मुफ्ती असलम साहिब, खालिदा परवीन, राकेश कौलजी, मौलाना मुफ्ती, सखी राठौर, मौलवी जावेद, मौलवी शब्बीर, मौलाना अबू मौलाना, मौलाना मुजफ्फर समेत प्रमुख धर्मगुरू मौजूद रहे.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

सम्मेलन को जम्मू-कश्मीर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में करार देते हुए सिन्हा ने हिंसा मुक्त समाज बनाने, मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण और आधुनिकीकरण में धार्मिक नेताओं और महिलाओं की भूमिका पर चर्चा करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की.

उपराज्यपाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर में अगले दो सालों 20 से 25 हजार करोड़ का निवेश होगा और पांच युवाओं को रोजगार मिलेगा.

पढ़ें- केरल चुनाव : तीन उम्मीदवारों के नामांकन खारिज, चुनावी बिसात बिछाने में जुटी पार्टियां

उन्होंने कहा, 'हिंसा का किसी भी सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है और शांति हर समस्या को हल करने का सबसे अच्छा साधन है.'

उन्होंने कहा कि एक खूबसूरत विशाल बगीचे की तरह जम्मू-कश्मीर पले-बढ़े और सभी तरह के फूल यहां खिले. सभी लोग सदियों से यहां साथ रहते आए हैं. फिर से वह भावना जम्मू-कश्मीर में जाग्रत हो. इसका प्रयास ईमानदारी से करने की जरूरत है.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को समुदाय के बुजुर्गों और धार्मिक प्रमुखों से नई पीढ़ी के बीच शांति और सद्भाव का संदेश फैलाने का आग्रह किया. उपराज्यपाल ने कश्मीर में धार्मिक नेताओं के मिलन समारोह में बोलते यह अपील की. इस कार्यक्रम को श्रीनगर के SKICC में आयोजित किया गया था.

दिन भर चले इस आयोजन में मौलवियों और मुफ्तियों सहित लगभग 550 धार्मिक प्रमुखों ने भाग लिया. इसमें 200 से अधिक महिलाएं और 200 युवा शामिल थे.

प्रोग्राम में शेख मुजफ्फर, मुफ़्ती निसार अहमद, मौलाना मुजफ्फर, तारिक अहमद, मुफ्ती असलम साहिब, खालिदा परवीन, राकेश कौलजी, मौलाना मुफ्ती, सखी राठौर, मौलवी जावेद, मौलवी शब्बीर, मौलाना अबू मौलाना, मौलाना मुजफ्फर समेत प्रमुख धर्मगुरू मौजूद रहे.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

सम्मेलन को जम्मू-कश्मीर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में करार देते हुए सिन्हा ने हिंसा मुक्त समाज बनाने, मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण और आधुनिकीकरण में धार्मिक नेताओं और महिलाओं की भूमिका पर चर्चा करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की.

उपराज्यपाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर में अगले दो सालों 20 से 25 हजार करोड़ का निवेश होगा और पांच युवाओं को रोजगार मिलेगा.

पढ़ें- केरल चुनाव : तीन उम्मीदवारों के नामांकन खारिज, चुनावी बिसात बिछाने में जुटी पार्टियां

उन्होंने कहा, 'हिंसा का किसी भी सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है और शांति हर समस्या को हल करने का सबसे अच्छा साधन है.'

उन्होंने कहा कि एक खूबसूरत विशाल बगीचे की तरह जम्मू-कश्मीर पले-बढ़े और सभी तरह के फूल यहां खिले. सभी लोग सदियों से यहां साथ रहते आए हैं. फिर से वह भावना जम्मू-कश्मीर में जाग्रत हो. इसका प्रयास ईमानदारी से करने की जरूरत है.

Last Updated : Mar 23, 2021, 9:51 PM IST
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