नई दिल्ली: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार की नई अबकारी नीति के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. आराेप है कि नई आबकारी नीति में नियमों की अनदेखी कर टेंडर दिए गए. एलजी विनय कुमार सक्सेना ने यह कदम चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट के बाद उठाया है. गत वर्ष दिल्ली सरकार ने शराब बिक्री के लिए नई आबकारी नीति लागू किया था. इस नीति के तहत सभी शराब की दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए थे. शराब की सरकारी दुकानें तक बंद कर दी गई थी और नई नीति से नए टेंडर जारी कर निजी ऑपरेटरों को शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दी गई थी. जिस पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए थे. दिल्ली बीजेपी के नेता इस बाबत कई बार प्रदर्शन कर चुके.
नई आबकारी नीति के तहत प्रत्येक वार्ड में चार शराब की दुकानें खोलने का जिक्र था, इसके तहत जिन-जिन इलाकों में शराब की दुकानें खुली, वहां के स्थानीय लोगों ने भी इसका पुरजोर विरोध किया. अभी भी दिल्ली के कुछ इलाकों में नई नीति के तहत खुली शराब की दुकानों महिलाएं विरोध कर रही हैं. मामला उपराज्यपाल के पास पहुंचा तो अब उपराज्यपाल ने इसकी सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. दिल्ली में बीजेपी इसका विरोध कर रही है. पार्टी यह कहते हुए विरोध कर रही है, नई आबाकरी नीति और नए ठेके मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं.
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दिल्ली सरकार ने पिछले साल 17 नवंबर को नई आबकारी नीति लागू की है. इस नीति के तहत पूरे शहर में शराब की 849 दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है. जिनमें से अभी तक 600 के करीब शराब की दुकाने खोली जा चुकी हैं. इन सभी नई शुरू हुई शराब की दुकानों की सूची एक्साइज डिपार्टमेंट की ऑफिसशियल वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है. दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत, पूरे शहर में शराब के कारोबार अब प्राइवेट क्षेत्र के व्यापारियों के हाथों में सौंप दिया गया है. जहां वह कम से कम 500 वर्ग मीटर के दायरे में बड़े और आकर्षक ठेकों को निर्माण कर सकते हैं.