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क्या जम्मू-कश्मीर को वापस मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा, LG मनोज सिन्हा ने दिया जवाब

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Published : Nov 30, 2021, 2:11 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 8:02 PM IST

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (JK LG Manoj Sinha) ने कहा कि केवल संसद ही जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल (Jammu Kashmir statehood restoration) कर सकती है. प्रदेश में चुनाव के सवाल पर उपराज्यपाल ने कहा कि खुद पीएम कह चुके हैं कि परिसीमन खत्म होने के बाद चुनाव कराए जाएंगे. एक अन्य घटनाक्रम में संसद में केंद्र सरकार ने बताया है कि 2015 में घोषित एक पैकेज के तहत कई प्रवासी कश्मीर वापस लौटे हैं.

lg manoj sinha ani photo
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

कोलकाता / श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के संबंध में सकारात्मक संकेत दिए हैं. सिन्हा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के संबंध में संसद के पटल पर विस्तार से बात कर चुके हैं.

अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य देने के सवाल पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जिसने राज्य का दर्जा निरस्त किया है, वही इसे बहाल करेगा.

मनोज सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि परिसीमन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, जम्मू कश्मीर में चुनाव होंगे और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. गौरतलब है कि पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का बयान

मनोज सिन्हा कोलकाता में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज जम्मू-कश्मीर सरकार के संयुक्त कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में देश के अन्य राज्यों की तुलना में करीब 31 हजार करोड़ के प्रस्ताव आ चुके हैं. ये आंकड़ा और बढ़ेगा. सरकार ने बेहतर नीति बनाई है और हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं.

टूरिज्म के सवाल पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जुलाई के बाद पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. देश में सबसे ज्यादा टूरिस्ट जम्मू-कश्मीर में आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि जुलाई में 10.5 लाख, अगस्त में 11.28 लाख, सितंबर में 12 लाख, अक्टूबर में 12.50 लाख और नवंबर में 13 लाख से अधिक पर्यटक जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं.

केंद्र सरकार का बयान

इसी बीच केंद्र सरकार ने संसद में बताया है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रधानमंत्री विकास पैकेज-2015 के तहत नौकरी के लिए 1,678 कश्मीरी प्रवासी कश्मीर लौटे. मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से प्रदान की गई सूचना के मुताबिक, 150 आवेदकों की भूमि बहाल की गई है. उन्होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रधानमंत्री विकास पैकेज-2015 के तहत नौकरी के लिए 1,678 कश्मीरी प्रवासी कश्मीर लौटे.'

पूर्व मुख्यमंत्री का बयान
दूसरी ओर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार अनुच्छेद 370 इसलिये निरस्त कर पाई क्योंकि 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी कमजोर हो गई थी.

उन्होंने कहा कि पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की पार्टी का बिना शर्त समर्थन का प्रस्ताव ठुकराकर उनके साथ गठबंधन कर लिया, जिनकी जम्मू-कश्मीर को लेकर 'अच्छी नीयत' नहीं थी. उमर ने लोगों से 5 अगस्त, 2019 को 'जम्मू-कश्मीर पर थोपे गए बदलावों को उलटने' के लिये नेशनल कांफ्रेंस का समर्थन करने और उसे मजबूत बनाने की अपील की.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह भी बयान दिया है कि, उनका प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश के सभी लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहा है. इस संदर्भ में उमर ने कहा, 'मुझे तो ऐसा होते हुए नहीं दिख रहा है. हम देख रहे हैं कि यह सरकार केवल भाजपा और कुछ कश्मीर-आधारित दलों के चुनिंदा नेताओं के लाभ के लिए है.'

केंद्र सरकार का रूख
बता दें कि फरवरी, 2021 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है और उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है. उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा जरूर देंगे : शाह

4जी इंटरनेट सुविधाएं दबाव में बहाल करने के आरोप पर जवाब देते हुए शाह ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है. उन्हें पता नहीं है कि यह संप्रग सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे. यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है.

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने से जुड़ी खबरें-

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने फरवरी, 2021 में केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव वाला एक विधेयक लाने की मांग की थी. राज्य सभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर उच्च सदन में हो रही चर्चा में हिस्सा ले रहे आजाद ने कहा था, मैं आपसे अपील करता हूं कि अगर जम्मू कश्मीर का विकास करना है और अगर हमें सीमा पर हमारे दुश्मनों से लड़ना है तो हमें अपने (राज्य के) लोगों को प्यार देने और उन्हें भरोसे में लेने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सदन में एक विधेयक लाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य का दर्जा बहाल किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने चाहिए. आजाद ने कहा कि ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पंजाब सहित पूर्वोत्तर और सीमाई इलाकों में रहने वाले लोग व्यथित हों.

कोलकाता / श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के संबंध में सकारात्मक संकेत दिए हैं. सिन्हा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के संबंध में संसद के पटल पर विस्तार से बात कर चुके हैं.

अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य देने के सवाल पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जिसने राज्य का दर्जा निरस्त किया है, वही इसे बहाल करेगा.

मनोज सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि परिसीमन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, जम्मू कश्मीर में चुनाव होंगे और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. गौरतलब है कि पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का बयान

मनोज सिन्हा कोलकाता में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज जम्मू-कश्मीर सरकार के संयुक्त कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में देश के अन्य राज्यों की तुलना में करीब 31 हजार करोड़ के प्रस्ताव आ चुके हैं. ये आंकड़ा और बढ़ेगा. सरकार ने बेहतर नीति बनाई है और हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं.

टूरिज्म के सवाल पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जुलाई के बाद पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. देश में सबसे ज्यादा टूरिस्ट जम्मू-कश्मीर में आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि जुलाई में 10.5 लाख, अगस्त में 11.28 लाख, सितंबर में 12 लाख, अक्टूबर में 12.50 लाख और नवंबर में 13 लाख से अधिक पर्यटक जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं.

केंद्र सरकार का बयान

इसी बीच केंद्र सरकार ने संसद में बताया है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रधानमंत्री विकास पैकेज-2015 के तहत नौकरी के लिए 1,678 कश्मीरी प्रवासी कश्मीर लौटे. मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से प्रदान की गई सूचना के मुताबिक, 150 आवेदकों की भूमि बहाल की गई है. उन्होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रधानमंत्री विकास पैकेज-2015 के तहत नौकरी के लिए 1,678 कश्मीरी प्रवासी कश्मीर लौटे.'

पूर्व मुख्यमंत्री का बयान
दूसरी ओर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार अनुच्छेद 370 इसलिये निरस्त कर पाई क्योंकि 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी कमजोर हो गई थी.

उन्होंने कहा कि पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की पार्टी का बिना शर्त समर्थन का प्रस्ताव ठुकराकर उनके साथ गठबंधन कर लिया, जिनकी जम्मू-कश्मीर को लेकर 'अच्छी नीयत' नहीं थी. उमर ने लोगों से 5 अगस्त, 2019 को 'जम्मू-कश्मीर पर थोपे गए बदलावों को उलटने' के लिये नेशनल कांफ्रेंस का समर्थन करने और उसे मजबूत बनाने की अपील की.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह भी बयान दिया है कि, उनका प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश के सभी लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहा है. इस संदर्भ में उमर ने कहा, 'मुझे तो ऐसा होते हुए नहीं दिख रहा है. हम देख रहे हैं कि यह सरकार केवल भाजपा और कुछ कश्मीर-आधारित दलों के चुनिंदा नेताओं के लाभ के लिए है.'

केंद्र सरकार का रूख
बता दें कि फरवरी, 2021 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है और उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है. उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा जरूर देंगे : शाह

4जी इंटरनेट सुविधाएं दबाव में बहाल करने के आरोप पर जवाब देते हुए शाह ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है. उन्हें पता नहीं है कि यह संप्रग सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे. यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है.

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने से जुड़ी खबरें-

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने फरवरी, 2021 में केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव वाला एक विधेयक लाने की मांग की थी. राज्य सभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर उच्च सदन में हो रही चर्चा में हिस्सा ले रहे आजाद ने कहा था, मैं आपसे अपील करता हूं कि अगर जम्मू कश्मीर का विकास करना है और अगर हमें सीमा पर हमारे दुश्मनों से लड़ना है तो हमें अपने (राज्य के) लोगों को प्यार देने और उन्हें भरोसे में लेने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सदन में एक विधेयक लाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य का दर्जा बहाल किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने चाहिए. आजाद ने कहा कि ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पंजाब सहित पूर्वोत्तर और सीमाई इलाकों में रहने वाले लोग व्यथित हों.

Last Updated : Nov 30, 2021, 8:02 PM IST
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