नई दिल्ली : दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने संबंधी लंबित बिल को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मंजूरी दे दी है. विधायकों के वेतन में 66.67 प्रतिशत बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है. दिल्ली सरकार ने सोमवार से विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाया है, जहां विधायकों के वेतन और भत्तों में संशोधन पर एक बिल पेश किया जाएगा. इसके साथ ही दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने संबंधी मसला करीब सात साल बाद हल हो जाएगा.
दिल्ली विधानसभा में विधायकों के वेतन संबंधित विधेयक को स्वीकृति मिल जाती है तो विधायकों को वेतन और भत्तों को मिलाकर 54 हजार रुपये प्रतिमाह की जगह 90 हज़ार रुपये मिलने लगेंगे. विधायकों के वेतन संबंधी बिल को गत मई माह में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी स्वीकृति दे दी थी. इससे संशोधन का मार्ग प्रशस्त हुआ है. हालांकि विधायकों के वेतन में जिस अनुपात में बढ़ोतरी की गई है, उस पर दिल्ली विधानसभा के मुख्य सचेतक और आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे का कहना है कि दिल्ली में विधायकों का वेतन देश भर के विधायकों से सबसे कम है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में रहने की लागत सबसे अधिक है.
दिल्ली के विधायकों का बढ़ेगा वेतन - दिल्ली के विधायकों का वेतन सबसे कम
अब दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ने वाला है. उपराज्यपाल ने वेतन बढ़ोतरी वाले लंबित बिल को मंजूरी दे दी है. अब दिल्ली के विधायकों को 54 हजार की बजाय 90 हजार रुपये मिलेंगे.
नई दिल्ली : दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने संबंधी लंबित बिल को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मंजूरी दे दी है. विधायकों के वेतन में 66.67 प्रतिशत बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है. दिल्ली सरकार ने सोमवार से विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाया है, जहां विधायकों के वेतन और भत्तों में संशोधन पर एक बिल पेश किया जाएगा. इसके साथ ही दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने संबंधी मसला करीब सात साल बाद हल हो जाएगा.
दिल्ली विधानसभा में विधायकों के वेतन संबंधित विधेयक को स्वीकृति मिल जाती है तो विधायकों को वेतन और भत्तों को मिलाकर 54 हजार रुपये प्रतिमाह की जगह 90 हज़ार रुपये मिलने लगेंगे. विधायकों के वेतन संबंधी बिल को गत मई माह में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी स्वीकृति दे दी थी. इससे संशोधन का मार्ग प्रशस्त हुआ है. हालांकि विधायकों के वेतन में जिस अनुपात में बढ़ोतरी की गई है, उस पर दिल्ली विधानसभा के मुख्य सचेतक और आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे का कहना है कि दिल्ली में विधायकों का वेतन देश भर के विधायकों से सबसे कम है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में रहने की लागत सबसे अधिक है.