बेंगलुरु: पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल के आरोपों पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया प्रतिक्रिया दी. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनसे जांच आयोग के समक्ष प्रासंगिक दस्तावेज रखने को कहा है. यतनाल ने मंगलवार को कहा था कि अगर उन्हें पार्टी से निकाला गया तो वह कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान कर्नाटक में येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में 40,000 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं का पर्दाफाश करेंगे.
सिद्धारमैया ने गुरुवार को कहा कि अगर विधायक यतनाल चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले, तो उन्हें भाजपा काल के दौरान हुए सीओवीआईडी -19 घोटाले से संबंधित दस्तावेज जांच आयोग के सामने रखना चाहिए. कर्नाटक के मुख्यमंत्री भाजपा के कार्यकाल के दौरान हुए घोटाले के बारे में यतनाल की ओर से आरोपों के बारे में मीडिया कर्मियों के एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
यतनाल ने मंगलवार को कहा कि जिन लोगों ने कहीं भी लूटपाट की है और संपत्ति बनाई है, मैं उनका नाम बाहर निकालूंगा. बीएस येदियुरप्पा कोरोना की पहली लहर में मुख्यमंत्री थे. उस समय 40,000 करोड़ रुपये का गबन किया गया. उन्होंने प्रत्येक कोरोना मरीज के लिए 8 से 10 लाख रुपये का बिल बनाया.
उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार थी, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सत्ता में किसकी सरकार थी, चोर तो चोर है. सीएम सिद्धारमैया ने इससे पहले भी बीजेपी विधायक के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यह बीजेपी सरकार पर लगाए गए पहले के आरोप की पुष्टि करता है कि यह 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार है.
सिद्धारमैया ने ट्वीट किया कि भाजपा विधायक बसना गौड़ा ने साहस दिखाते हुए पूर्व की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान 40,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थी.
इससे यह साबित होता है कि भाजपा सरकार '40 प्रतिशत कमीशनखोरी' वाली सरकार थी. सीएम ने लिखा कि अगर हम यतनाल के आरोप पर विचार करें तो ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार हमारे अनुमान से 10 गुना अधिक है. भाजपा के मंत्रियों का समूह जो हमारे आरोप पर चिल्लाते हुए बाहर आए थे और विधानसभा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, वे अब कहां छिपे हुए हैं?