कांकेर: नगर से सटे ठेलकाबोड़ गांव के छोटेपारा में स्कूल के पीछे एक बार फिर तेंदुआ दिखाई दिया है. तेंदुए के दिखने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल रहा. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी तेंदुए को देख कर सहम गए.सुबह 8 बजे तेंदुए दिखाई देने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को उसकी सूचना दी. वन विभाग की टीम ने ड्रोन की मदद से तेंदुए को देखने की कोशिश की.
कांकेर में तेंदुए की ड्रोन से तलाश: कांकेर वन परिक्षेत्र अधिकारी संदीप सिंह ने बताया कि 8:30 बजे स्कूल लगा तो टीचर ने वन विभाग को स्कूल से लगे हुए पहाड़ी में चट्टानों के बीच तेंदुआ बैठा होने की सूचना दी. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम गांव पहुंची. गांव वालों से पूछताछ किया गया तो गांव वालों ने तस्दीक किया कि यहां तेंदुआ है. संदीप सिंह ने बताया कि "डीएफओ साहब एक गश्ती टीम चौकीदारों के साथ यहां पहुंचे. हमारी कोशिश यह रहेगी कि शाम तक इंतजार करें क्योंकि शाम को तेंदुआ अक्सर जंगल में चला जाता है. आसपास मुनादी भी कराया गई है. ग्रामीण को घर से निकलने से मना किया गया है. "
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रेंजर ने बताया कि तेंदुए की लोकेशन लेने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद से चट्टानों की गहराई में देखा गया. लेकिन तेंदुआ दिखाई नहीं दिया है. वीडियो में इस तरह का कुछ दिखाई नहीं दिया है. तेंदुआ रहवास क्षेत्र में है. तेंदुए के आने-जाने का रास्ता है. पहाड़ के पीछे एक मुर्गी फॉर्म है जिसके अपशिष्ठ खाने भी तेंदुए इधर आता है. मुर्गी फार्म वाले से भी अपील किया है कि आसपास यहां अवशेष ना फेंके.
पिछले साल भी स्कूल के पीछे पहाड़ के चट्टानों के बीच तेंदुआ दिखाई दिया था. जिसके कारण स्कूल की छुट्टी करनी पड़ी थी. ठेलकाबोड़ के छोटे पारा में पहाड़ी के 30 मीटर नीचे प्राथमिक स्कूल है. आस-पास कई ग्रामीणों के घर भी है.