हैदराबाद: तेलंगाना प्रदेश में वाहन चालकों की हालत ऐसी होती जा रही है कि उनके कितने भी चालान कट जाएं और कितने भी जुर्माने लग जाएं, लेकिन वह ट्रैफिक उल्लंघन बंद करने का नाम नहीं लेते हैं. 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में हर घंटे ट्रैफिक उल्लंघन की औसत संख्या 1,731 रही. टेक्नोलॉजी में वृद्धि के साथ, यातायात उल्लंघनकर्ताओं की पहचान करना और उन्हें दंडित करना आसान हो गया है.
मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले साल राज्य में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के 1,51,63,986 मामले दर्ज किए गए और इनके लिए 519 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसका मतलब है कि प्रतिदिन औसतन 41,544 यातायात उल्लंघन के मामले दर्ज किए जा रहे हैं और 1.42 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा रहा है. ये कोई सामान्य बात नहीं है.
जुर्माना लगाने के पीछे मुख्य उद्देश्य उल्लंघनकर्ताओं के बीच जागरूकता और जवाबदेही पैदा करना है. लेकिन इसके बावजूद वे जुर्माना भरने को तैयार हैं, मगर यातायात नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. प्रदेश की राजधानी में ट्रैफिक की समस्या विकराल होती जा रही है. जैसे-जैसे वाहनों की संख्या बढ़ रही है, राज्य के छोटे-बड़े शहरों में यातायात की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं.
इन समस्याओं के समाधान के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ उचित पर्यवेक्षण की भी जरूरत पड़ रही है. सड़क पर कहीं भी वाहनों के रुकने से समस्या उत्पन्न हो जाती है. वन-वे सड़क पर विपरीत दिशा से वाहन के आने और रेड सिग्नल के बावजूद वाहनों के आगे बढ़ने जैसे उल्लंघनों के कारण समस्याएं बढ़ जाती हैं. यहां तक कि अगर सौ में से एक व्यक्ति भी नियमों का पालन नहीं करता है, तो इसका असर बाकी लोगों पर पड़ता है.
यदि एक भी व्यक्ति व्यस्त समय में सड़क पर वाहन रोक दे तो भी उस सड़क पर यातायात रुक जाएगा. इसीलिए ट्रैफिक पुलिस नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ केस दर्ज करती है. सीसीटीवी कैमरे के जरिए भी मामले दर्ज किए जाते हैं. उल्लंघन के आधार पर जुर्माना लगाया जाता है. यदि इनका भुगतान नहीं किया जाता, तो वाहनों को जब्त कर लिया जाता है. हालांकि, इसके बाद भी उल्लंघनों से परहेज नहीं किया जा रहा है.