पटना : विख्यात इस्लामी विद्वान और इमारत ए शरिया के प्रमुख वली रहमानी को आज सुपुर्द ए खाक कर दिया गया. इस दौरान उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए. उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंगेर के खानकाह कैंपस में उनके पिता और दादा के कब्र के पास दफनाया गया.
रहमानी का शनिवार को निधन हो गया. उनकी जांच में एक सप्ताह से भी कम वक्त पहले कोविड-19 की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.रहमानी 78 वर्ष के थे और बिहार के मुंगेर जिले के निवासी थे.
वह एक बार राज्य विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके थे. रहमानी जिस अस्पताल में भर्ती थे उसके निदेशकों में से एक डॉ अब्दुल हई के अनुसार रहमानी ने आज सुबह अंतिम सांस ली.
डॉ हई ने मीडिया से कहा कि उन्हें तीन-चार दिन पहले भर्ती किया गया था. उनकी जांच में संक्रमण की पुष्टि होने से एक सप्ताह से भी कम वक्त पहले उन्होंने कोविड-19 रोधी टीका लगवाया था. टीके की दूसरी खुराक लेने के कम से कम दो सप्ताह बाद टीके का वास्तविक असर होता है.'
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इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रहमानी के बेटे को फोन कर संवेदना जताई और कहा कि रहमानी को पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्दे खाक किया जाएगा.
रहमानी की तमाम उपलब्धियों में से एक 'रहमानी 30' नामक संस्थान की स्थापना है, जहां मुफ्त में कोचिंग दी जाती है.