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शहीद स्वतंत्र सिंह का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

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Published : Nov 28, 2020, 4:09 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सीजफायर के उल्लंघन के दौरान शहीद हुए स्वतंत्र सिंह का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

शहीद स्वतंत्र सिंह का अंतिम संस्कार
शहीद स्वतंत्र सिंह का अंतिम संस्कार

देहरादून : उत्तराखंड के जनपद पौड़ी गढ़वाल के ग्राम उड़ियारी निवासी 47 वर्षीय शहीद स्वतंत्र सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया, जहां भारी संख्या में ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घाट भैंस खेतु लाया गया, जहां पर उनके दोनों पुत्रों ने चिता को मुखाग्नि दी.

बता दें कि स्वतंत्र सिंह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सीजफायर के उल्लंघन के दौरान शहीद हुए थे. ऐसे में शहीद के सम्मान में क्षेत्र में कई बाजार भी बंद रहे. जानकारी के मुताबिक, दो सप्ताह पूर्व ही स्वतंत्र सिंह छुट्टी के बाद वापस अपनी यूनिट पहुंचे थे. कुछ समय बाद उनकी बड़ी बेटी की सगाई की बात चल रही थी, जिसमें वह वादा करके गये थे, जैसे ही रिश्ता पक्का होगा वे छुट्टी लेकर जल्द घर वापस आएंगे.

शहीद स्वतंत्र सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

वहीं, एक साल पहले शहीद स्वतंत्र सिंह के भाई का भी देहांत हो गया था. वह गांव में ही रहते थे, शहीद स्वतंत्र सिंह अपने पीछे दो पुत्री, दो पुत्र, पत्नी और बूढ़ी माता को छोड़ गये. शहीद स्वतंत्र सिंह बहुत ही मिलनसार स्वभाव के थे, जब भी वह छुट्टी पर अपने घर आते थे, तो गांव के सभी लोगों से मिलते थे.

यह भी पढ़ें- सुरंगों के जरिए घुसपैठ की फिराक में आतंकी : सेना प्रमुख नरवणे

शहीद के अंतिम संस्कार में पहुंचे उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि यह बहुत दु:खद घड़ी है. हमने एक वीर सिपाही को खोया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा है कि शहीद के परिवार के एक व्यक्ति को राज्य सरकार नौकरी देगी.

वहीं, यमकेश्वर विधानसभा की विधायक ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि स्वतंत्र सिंह की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी, पाकिस्तान की इस हिकामत का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देगी.

देहरादून : उत्तराखंड के जनपद पौड़ी गढ़वाल के ग्राम उड़ियारी निवासी 47 वर्षीय शहीद स्वतंत्र सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया, जहां भारी संख्या में ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घाट भैंस खेतु लाया गया, जहां पर उनके दोनों पुत्रों ने चिता को मुखाग्नि दी.

बता दें कि स्वतंत्र सिंह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सीजफायर के उल्लंघन के दौरान शहीद हुए थे. ऐसे में शहीद के सम्मान में क्षेत्र में कई बाजार भी बंद रहे. जानकारी के मुताबिक, दो सप्ताह पूर्व ही स्वतंत्र सिंह छुट्टी के बाद वापस अपनी यूनिट पहुंचे थे. कुछ समय बाद उनकी बड़ी बेटी की सगाई की बात चल रही थी, जिसमें वह वादा करके गये थे, जैसे ही रिश्ता पक्का होगा वे छुट्टी लेकर जल्द घर वापस आएंगे.

शहीद स्वतंत्र सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

वहीं, एक साल पहले शहीद स्वतंत्र सिंह के भाई का भी देहांत हो गया था. वह गांव में ही रहते थे, शहीद स्वतंत्र सिंह अपने पीछे दो पुत्री, दो पुत्र, पत्नी और बूढ़ी माता को छोड़ गये. शहीद स्वतंत्र सिंह बहुत ही मिलनसार स्वभाव के थे, जब भी वह छुट्टी पर अपने घर आते थे, तो गांव के सभी लोगों से मिलते थे.

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शहीद के अंतिम संस्कार में पहुंचे उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि यह बहुत दु:खद घड़ी है. हमने एक वीर सिपाही को खोया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा है कि शहीद के परिवार के एक व्यक्ति को राज्य सरकार नौकरी देगी.

वहीं, यमकेश्वर विधानसभा की विधायक ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि स्वतंत्र सिंह की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी, पाकिस्तान की इस हिकामत का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देगी.

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